...तो सिर्फ Muslim होने की वजह से Ghulam Nabi Azad नहीं बन पाए थे Congress चीफ?

गुलाम नबी आजाद...जम्मू और कश्मीर के दिग्गज नेता है। पहले कांग्रेस में हुआ करते थे, पर कुछ वक्त पहले ही "सोनिया-राहुल की पार्टी" से आजाद हुए हैं। उन्होंने अपनी खुद की पॉलिटिकल पार्टी बनाई और उसे नाम दिया- डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी)। हाल ही में उनकी ऑटोबायोग्राफी भी आई, जिसे लेकर वह खासा चर्चा में हैं। उन्होंने अपनी किताब में न सिर्फ अपने सियासी जीवन के अनुभवों को साझा किया है बल्कि कांग्रेस के साथ अपने एक्सपीरियंस का जिक्र भी किया है। हाल ही में उनसे जब कुछ टीवी इंटरव्यू में उनके सियासी करियर से लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी को लेकर सवाल हुए तो उन्होंने बेबाकी से अपनी बात रखी। आइए, जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ बताया:

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DPAP के मुखिया हैं गुलाम नबी आजाद

जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस छोड़कर अपनी खुद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) बनाने वाले सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद का मानना है कि वह मुसलमान होने की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बन पाए। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा समय की कांग्रेस में कोई मुस्लिम जनरल सेक्रेट्री के पद से ऊपर नहीं जा सकता है।

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'देश के बंटवारे ने...', बोले J&K के पूर्व CM

यह पूछे जाने पर कि अगर आप मुसलमान नहीं होते तो आप कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते थे? हिंदी न्यूज चैनल 'Aaj Tak' के 'सीधी बात' कार्यक्रम में इस सवाल पर उन्होंने कहा, "बदकिस्मती से भारत का जो बंटवारा हुआ था, उसका असर आज भी लोगों में है। कांग्रेस सरीखी सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) पार्टी...जो खुद ऐसा अपने आप को कहती है, वह भी उससे वंचित नहीं रही। वह भी दूर नहीं रह पाई।"

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​कांग्रेस की मानसिकता पर यूं की टिप्पणी!

आजाद आगे बोले- वह जनरल सेक्रेट्री चाहे 40 साल साथ रहे या फिर...हम भी 30-31 साल रहे, जनरल सेक्रेट्री से आगे नहीं बढ़ पाए। पार्टी में आपको वर्किंग प्रेसिडेंट भी नहीं बनना है, उपाध्यक्ष भी नहीं बनना है। ऐसे में यह कांग्रेस की मानसिकता को दिखाता है।

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'सवाल GF या फिर BF का नहीं है'

कांग्रेस के पूर्व चीफ राहुल गांधी को लेकर उन्होंने 'India TV' के 'आप की अदालत' प्रोग्राम में बताया, "न हम मोदी को चाहते हैं और न हम राहुल जी को न चाहते हैं। सवाल गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड का नहीं है। सवाल हिंदुस्तान की राजनीति का है कि कौन सा कप्तान इसे डुबाने में लगा है और कौन उसे किनारे पर पहुंचाने में लगा है।"

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राहुल के रवैये और भाषा पर यूं किया कटाक्ष

बकौल गुलाम नबी, "सिर्फ गाली देने से इंसान लीडर नहीं बनता है। सियासत में सोफेस्टिकेटड गाली भी चलती है, पर कठोर भाषा नहीं चलती है। वह भी कभी हुआ, पर 24 घंटे नींद से उठकर और से सोने से पहले आप गाली दोगे...तो इससे न देश बनेगा, न दुनिया बनेगी और न ही कोई सत्ता में आ सकता है।"