जब प्रधानमंत्री पर भारी पड़ गया मुख्यमंत्री, जानें- क्यों नेहरू खफा हो गए

पंडित जवाहर लाल नेहरू से जुड़े कई प्रसंग हैं। यहां हम आपको उनके संसदीय क्षेत्र फूलपुर के एक वाक्ये के बारे में बताएंगे। मसला बाग पर टैक्स का था। लोग नाराज थे, पंडित जी ने टैक्स हटाने का वादा किया।वो अपनी ही सरकार से खफा भी हुए। लेकिन बाग पर टैक्स हटवाने में नाकाम रहे।

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बाग पर टैक्स का मामला

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का संसदीय क्षेत्र यूपी का फूलपुर हुआ करता था। यह संसदीय क्षेत्र अब प्रयागराज जिले में आता है। 1960 की बात है जब लोगों ने बाग पर टैक्स लगाने की शिकायत की। जवाहर लाल नेहरू ने वादा किया कि टैक्स हट जाएगा।

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जवाहर लाल नेहरू पर भड़क गए लोग

जवाहर लाल नेहरू जब दोबारा फूलपुर के दौरे पर गए तो लोगों ने याद दिलाया कि आप ने तो कहा था कि टैक्स हट जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आप की पार्टी के सीएम प्रदेश में हैं और कुछ नहीं हो रहा। यह सुनकर वो अपनी सरकार पर भड़क उठे।

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चंद्रभानू गुप्ता थे सीएम

बता दें कि जिस समय का ये वाक्या है उस समय चंद्रभानू गुप्ता सीएम हुआ करते थे। उन्होंने वादा तो किया लेकिन बाग पर से टैक्स नहीं हटाया।

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मतों पर पड़ा असर

जवाहर लाल नेहरू से लोगों ने कहा कि जब आपकी बात सीएम नहीं सुन रहे तो आम लोगों की बात ही क्या। खैर इसका असर दिखाई देगा। वास्तव में लोगों के गुस्से का असर संसदीय चुनाव के नतीजों में भी दिखाई दिया। पंडित जी को पहले की अपेक्षा कम वोट हासिल हुए थे।

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jawahar lal nehru 4

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ऐ मेरे वतन का गाना था पसंद

पंडित जवाहर लाल नेहरू का स्वर कोकिला लता मंगेश्कर से खास लगाव था। भारत चीन लड़ाई के समय उनके एक गाने ऐ मेरे वतन से इतने भावुक हुए कि रो पड़े।

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चाचा नेहरू के नाम से मशहूर

जवाहर लाल नेहरू बच्चों से खासा प्यार करते थे। उनकी कोट में लाल गुलाब का फूल खास पहचान थी। वो कहा करते थे कि बच्चे ही देश के कर्णधार हैं और उनकी संपूर्ण विकास किसी भी सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

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मशहूर वक्ता

जवाहर लाल नेहरू एक प्रसिद्ध वक्ता भी थे। किसी भी विषय पर घंटों तक बिना किसी परेशानी के बोल सकते थे। देश की आजादी के वक्त संसद के सेंट्रल हॉल से उनका भाषण इतिहास के पन्नों में दर्ज है।

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1964 में निधन

1964 में देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू का निधन हो गया। बताया जाता है कि चीन से उनके धोखे की उम्मीद नहीं थी और वो 1962 की जंग के सदमें से नहीं उबर पाए थे।