गंगा के नाम से एक-दो नहीं 7 नदियां हैं देश में, जानिए कहां ये सब

गंगा नदी देश के लिए विशेष तौर पर उत्तर भारत के लिए एक जीवनदायिनी नदी है। गंगा को पतित पावनी नदी कहा जाता है। कहते हैं कि गंगा नदी में डुबकी लगाने से व्यक्ति सारे पापों से मुक्ति पा लेता है। इस नदी का धार्मिक महत्व तो है ही। इस नदी से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में पीने और सिंचाई के लिए भी पानी मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं देश में सिर्फ एक गंगा नहीं है, बल्कि 7 नदियां हैं, जिनके नाम में गंगा हैं। चलिए जानते हैं -

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​गंगा नदी

गौमुख से निकली भागीरथी नदी जब देवप्रयाग में अलकनंदा नदी से मिलती है तो गंगा नदी का जन्म होता है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद तक यह गंगा के नाम से ही चलती है। यहां पद्मा और हुगली दो धाराओं में बंट जाती है।

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केदार गंगा

केदार गंगा उत्तराखंड के गंगोत्री क्षेत्र में बहती है। केदार गंगा घाटी में बहने वाली केदार गंगा गंगोत्री में गौरीकुंड के ठीक ऊपर भागीरथी में मिल जाती है।

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जड़ गंगा

जड़ गंगा को जटा गंगा और जाह्नवी नदी भी कहा जाता है। माणा पास के करीब लंबी ग्लेशियर से इस नदी का जन्म होता है, इसलिए इसे लंबी गाड़ (लंबी नदी) भी कहा जाता है। गंगोत्री के पश्चिम में भैरोंघाटी पर यह नदी भी भागीरथी में समा जाती है।

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असी गंगा

असी गंगा उत्तराखंड में डोडी ताल के पास से शुरू होती है और उत्तरकाशी के पास भागीरथी नदी में मिल जाती है।

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धर्म गंगा

धर्मगंगा नदी टिहरी जिले में बूढा केदार के पास आकर बाल गंगा नदी में मिलती है। बूढ़ा केदार के बास धर्म गंगा के बाल गंगा में मिलने से नदी का जलस्तर बढ़ता है। यहां से आगे बालगंगा ही जाती है।

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बाल गंगा

बाल गंगा आगे चलकर घनसाली के पास भिलंगना नदी में मिल जाती है। यही भिलंगना नदी टिहरी में भागीरथि नदी से मिलती है। दोनों के संगम पर ही टिहरी बांध बना है।

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बाण गंगा

बाण गंगा नदी जम्मू-कश्मीर में बहती है और यह चेनाब नदी की सहायक नदी है। शिवालिक की पहाड़ियों से जन्मी यह नदी कटरा तक बहती है। वैष्णो देवी जाने वाले कई श्रद्धालु कटरा में बाण गंगा नदी में स्नान करते हैं।