इन 6 देशों के पास है अपना GPS, बड़े-बड़े देशों को पछाड़कर इस खास क्लब में भारत भी शामिल
ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) जिसे मूल रूप से नेवस्टार जीपीएस नाम दिया गया था, अमेरिका ने बनाया था। यह अमेरिकी वायु सेना के संचालन के लिए विकसित एक रेडियो-नेविगेशन प्रणाली है और इसका स्वामित्व अमेरिका की सरकार के पास है। यानी अमेरिका ने ही सबसे पहले जीपीएस बनाकर दुनिया में खुद को सबसे ताकतवर बना लिया। इसके बाद पांच अन्य देशों ने अमेरिका की तर्ज पर अपने-अपने जीपीएस बनाए। आइए जानते हैं किन देशों के पास अपने नेविगेशन सिस्टम हैं।
जीपीएस (GPS) - अमेरिका
अमेरिकी रक्षा विभाग ने 1978 में जीपीएस बनाया था। इसकी शुरुआत 1973 में एक संयुक्त नागरिक-सैन्य तकनीकी कार्यक्रम के तहत हुई थी। जीपीएस को आधिकारिक तौर पर नेवस्टार ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है। जीपीएस को सबसे पहले सैन्य उपयोग के लिए डिजाइन किया गया था। साल 1983 में नागरिकों के लिए भी इसका इस्तेमाल करने की सुविधा शुरू की गई।
ग्लोनास (GLONASS) - रूस
1995 में रूस ने ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट (GLONASS) विकसित किया। यह एक रूसी अंतरिक्ष-आधारित उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है। ग्लोनास के उपग्रहों को 19,100 किलोमीटर की ऊंचाई पर रखा गया है। इन उपग्रहों को तीन कक्षीय तलों में बांटा गया है। हर तल में आठ उपग्रह हैं। GLONASS अपनी सटीकता के साथ वैश्विक नेविगेशनल सिस्टम सेवा प्रदाता के रूप में दूसरे स्थान पर है।
बेइदोऊ (BeiDou) - चीन
अपने स्वदेशी उपग्रह नेविगेशन सिस्टम के माध्यम से संचालित होने वाला BeiDou नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम चीन ने बनाया है। इसे विशेष रूप से क्षेत्रीय कवरेज के लिए तैयार किया गया है। यह प्रणाली दो अलग-अलग उपग्रह तारामंडलों के साथ संचालित होती है। इसे चीनी जीएनएसएस के नाम से भी जाना जाता है। बेइदोऊ सिस्टम (बीडीएस-2) का चरण 2 दिसंबर 2012 में चालू हुआ था। बेइदोऊ, दुनिया के कई क्षेत्रों में किसी भी ऑपरेटिंग GNSS तारामंडल का सबसे सटीक PNT डेटा प्रदान करता है।
QZSS - जापान
क्वासी-जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम (QZSS) एक जापानी परियोजना है जिसका उद्देश्य उपग्रह-आधारित संवर्द्धन प्रणाली के साथ-साथ चार-उपग्रह समय हस्तांतरण प्रणाली विकसित करना है। क्षेत्रीय कवरेज प्रणाली के रूप में विकसित किया गया था और इसका पहला परीक्षण सितंबर 2010 में एक प्रदर्शन उपग्रह के माध्यम से हुआ था। QZSS का प्राथमिक उद्देश्य जापान पर ध्यान केंद्रित करते हुए एशिया-ओशिनिया क्षेत्र में अत्यधिक स्थिर और सटीक स्थिति की जानकारी प्रदान करना है।
नाविक (NAVIC)- भारत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 2016 में देश को NAVIC नामक स्वदेशी जीपीएस और नेविगेशन सिस्टम दिया। यह भारत द्वारा लॉन्च किया गया 7वां और आखिरी नेविगेशन उपग्रह है। इस उपग्रह के प्रक्षेपण के बाद भारत किसी दूसरे देश पर निर्भर हुए बिना अपने सभी सैन्य नेविगेशन अभियानों का प्रबंधन कर सकता है। नाविक के जरिए, भारत के अंदर और देश की सीमा से 1,500 किलोमीटर के दायरे में सटीक और वास्तविक समय में नेविगेशन मिलता है।
गैलीलियो (Galileo) - यूरोपीय संघ
प्रसिद्ध इतालवी खगोलशास्त्री गैलीलियो गैलीली के नाम पर बनाया गया गैलीलियो एक ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) है जिसे यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से यूरोपीय संघ (EU) द्वारा बनाया गया था। दिलचस्प है कि 10 बिलियन यूरो की यह परियोजना 30 मध्यम पृथ्वी कक्षा (MEO) उपग्रहों के माध्यम से संचालित होती है, जिनमें से अधिकांश 2014 से चालू हैं।
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