किस्मत आजमाने मायानगरी भी पहुंचे थे मुंशी प्रेमचंद, इनकी कहानियों पर बनी हैं ये 6 फिल्में

भारतीय साहित्य और फिल्म जगत आपस में जुड़ा हुआ है। कई साहित्यकारों ने फिल्मों के लिए कहानियां लिखीं। इनमें से कई बड़ा नाम बन गए तो कई गुमनागी का शिकार हो गए। हालांकि, मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य का वो सितारा रहे, जिनकी रचनाएं फिल्मों की मोहताज नहीं रहीं। फिल्म जगत में आने से पहले ही प्रेमचंद हिंदी साहित्य का बड़ा नाम बन चुके थे। उनकी कहानियों और उपन्यासों पर बनीं फिल्मों को भले ही जनता का उतना प्यार नहीं मिला, लेकिन प्रेमचंद की कालजयी रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। आइए प्रेमचंद की उन कहानियों के बारे में जानते हैं, जिन पर फिल्में बनीं...

1934 में पहुंचे थे मायानगरी
01 / 07

​1934 में पहुंचे थे मायानगरी​

मुंशी प्रेमचंद किस्मत आजमाने के लिए 1934 में माया नगरी मुंबई पहुंचे थे। हालांकि, यहां पर वह सालभर भी नहीं रुके और वापस लौट आए।

हीरा मोती
02 / 07

​हीरा मोती​

प्रेमचंद के उपन्यास पर बनी यह फिल्म 1959 में आई। इसे कृष्ण चोपड़ा ने डायरेक्ट किया और लीड रोल में बलराज साहनी और निरूपा रॉय थीं।

सेवासदनम
03 / 07

​सेवासदनम​

यह फिल्म प्रेमचंद के उपन्यास सेवासदन पर आधारित थी। इस फिल्म को तमिल डायरेक्टर के सुब्रमण्यम ने डायरेक्ट किया था।

गोदान
04 / 07

​गोदान​

मुंशी प्रेमचंद के सबसे चर्चित उपन्यास गोदान पर भी फिल्म बन चुकी है।

सद्गति
05 / 07

​सद्गति​

प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म को सत्यजीत रे ने डायरेक्ट किया था।

शतरंज के खिलाड़ी
06 / 07

​शतरंज के खिलाड़ी​

प्रेमचंद के उपन्यास पर आधारित यह एकमात्र फिल्म थी, जिसके साथ जनता ने न्याय किया था। सत्यजीत रे के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने दो नेशनल अवॉर्ड भी जीत थे।

ओका ऊरी कथा
07 / 07

​ओका ऊरी कथा​

प्रेमचंद के उपन्यास 'कफन' पर यह फिल्म बनी है। इसे बंगाली डायरेक्टर मृणाल सेन ने डायरेक्टर किया था।

End of Photo Gallery

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited