बिहार के किन 13 शहरों से होकर गुजरेगा यूपी से शुरू होने वाला ये 2 एक्सप्रेसवे, 3 राज्यों से घट जाएगी दूरी
उत्तर प्रदेश में बिछ रहे एक्सप्रेसवे के जाल से सिर्फ यूपी को ही फायदा नहीं होगा, बल्कि यूपी से शुरू होने वाले दो एक्सप्रसवे से बिहार की भी किस्मत चमकनी तय है। उत्तर प्रदेश से शुरू होने वाला दो एक्सप्रेसवे बिहार को क्रॉस करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचेगा। जिससे बिहार के 13 शहरों को सीधे फायदा हो जाएगा। वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे (Varanasi Ranchi Kolkata Expressway) और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे (Gorakhpur Siliguri Expressway) बिहार के 13 जिलों से गुजरते हुए 4 राज्यों को कवर करेगा। जिससे बिहार से यूपी, झारखंड और पश्चिम बंगाल की दूरी कई घंटे कम हो जाएगी।
बिहार के किन-किन जिलों से गुजरेगा वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे
वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश में वाराणसी से शुरू होगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा को पार करेगा और बिहार के कैमूर जिले से प्रवेश करेगा। यह कैमूर, औरंगाबाद, रोहतास और गया जिलों से होते हुए बिहार को पार कर जाएगा। एक्सप्रेसवे बिहार के भीतर कुल 159 किमी की दूरी तय करेगा। 610 किलोमीटर लंबा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे पुरुलिया जिले के माध्यम से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से पहले बिहार और झारखंड के चार जिलों को जोड़ेगा।
कहां-कहां से होकर गुजरेगा वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे
यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी से शुरू होकर बिहार, झारखंड में प्रवेश करते हुए बंगाल में समाप्त होगा। वाराणसी से शुरू होकर, एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश (यूपी) के चौदाली की सीमा पर चांद में बिहार में प्रवेश करेगा और लगभग 160 किलोमीटर के बाद गया के इमामगंज में बाहर निकलेगा। छह लेन वाला वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे मुख्य परियोजनाओं में से एक है; इससे वाराणसी और कोलकाता के बीच 15 घंटे की यात्रा का समय घटकर नौ घंटे रह जाएगा।
कबतक शुरू होगा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे
भारतमाला परियोजना कार्यक्रम के तहत यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजमार्ग NH-19 (पुराना NH-12) के समानांतर चलेगा और बरहुली गांव के पास वाराणसी रिंग रोड को पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के उलुबेरिया के पास किलोमीटर 610.417 पर NH-16 से जोड़ेगा। एक्सप्रेसवे के 2026 में पूरा होने और खुलने की उम्मीद है।
यूपी से और कौन सा एक्सप्रेसवे करेगा बिहार क्रॉस
वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के अलावा गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार से गुजरते हुए बंगाल को जाएगा। बिहार के अंदर यह 9 जिलों पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज से होकर गुजरेगा।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे का रूट
एनएचएआई द्वारा 519 किलोमीटर लंबा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी को जोड़ने वाला एक प्रस्तावित 4 लेन एक्सेस-नियंत्रित राजमार्ग है। भारतमाला परियोजना चरण 2 के तहत यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे नेपाल सीमा के समानांतर चलेगा और 3 राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा।
घट जाएगी गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी
इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद, गोरखपुर और सिलीगुड़ी के बीच की दूरी घटकर 519 किमी रह जाएगी। फिलहाल, गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने के लिए कोई सीधी सड़क नहीं है। दोनों शहरों के बीच की दूरी तय करने में अभी 15 घंटे लगते हैं। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से यह समय घटकर मात्र नौ घंटे रह जाएगा।
तीन राज्यों से होकर गुजरेगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे से 3 राज्यों- यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल को फायदा होगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में 84.3 किमी, बिहार में 416.2 किमी और पश्चिम बंगाल में 18.97 किमी बनाया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर से होकर गुजरेगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे पर 25 स्थानों पर इंटरचेंज बनाए जाएंगे, जहां से राज्य राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य मुख्य सड़कें जुड़ेंगी। जिससे लोगों को आवागमन में काफी सुविधा हो।
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