सामान रखने के लिए लगेज रैक और गद्दीदार सीटें, इस नई मेट्रो के मुरीद हो जाएगे आप

मेट्रो हमारे शहरी यातायात का बहुत ही अहम हिस्सा बन गई है। शहरों की सड़कों पर गाड़ियों की लगातार बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक जाम का एक ही उपाय है मेट्रो का इस्तेमाल। यही कारण है कि मेट्रो का लगातार विस्तार हो रहा है। NCR के मेरठ में भी मेट्रो की तैयारी है। यहां जो मेट्रो चलाई जाएगी, वह दिल्ली और अन्य शहरों में चलने वाली मेट्रो से कहीं ज्यादा लग्जरी और उपयोगी साबित हो सकती है।

समय बचाएगी मेट्रो
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समय बचाएगी मेट्रो

मेरठ मेट्रो को 135 की रफ्तार से चलने के लिए बनाया जा रहा है, लेकिन इसकी टॉप स्पीड 120 किमी प्रति घंटे होगी। मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक 23 किमी का सफर आधे घंटे से कम समय में पूरा हो जाएगा।

सड़क छोड़ मेट्रो पकड़ें
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सड़क छोड़ मेट्रो पकड़ें

मेरठ में लगने वाले जाम से आप वाकिफ होंगे। ऐसे में मेरठ मेट्रो लोगों को अपने प्राइवेट वाहन छोड़कर मेट्रो के आरामदायक और तेज सफर के लिए प्रोत्साहित करेगी।

विकास की बयार
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विकास की बयार

मेरठ मेट्रो के बन जाने से क्षेत्र में विकास की बयार आएगी। यहां हेल्थकेयर, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अवसर पैदा होंगे। सीटों के ऊपर ग्रैब हैंडल भी लगा होगा।

100 भारतीय
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100% भारतीय

मेरठ में चलने वाली मेट्रो ट्रेनें शत प्रतिशत भारत में बनी होंगी। यह न सिर्फ अत्याधुनिक होंगी, बल्कि बहुत ही सुरक्षित, भरोसेमंद और रफ्तार से भरपूर होंगी।

सिलेक्टिव डोर ओपनिंग
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सिलेक्टिव डोर ओपनिंग

यानी आप अपनी मर्जी से पुश बटन को दबाकर किसी एक दरवाजे को खोल सकते हैं। यानी जहां जरूरत नहीं है वहां दरवाजे अपने-आप नहीं खुलेंगे, इससे बिजली की बचत होगी

गद्देदार सीटें
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गद्देदार सीटें

मेट्रो ट्रेनों में आमतौर पर स्टील की सीटें होती हैं, लेकिन मेरठ मेट्रो में गद्दीदार सीटें होंगी और सामान रखने के लिए रैक भी लगा होगा। इसके अलावा मोबाइल चार्जिंग की सुविधा में मेरठ मेट्रो में होगी।

173 सीटें
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173 सीटें

तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो में बैठने के लिए 173 सीटें होंगी, जबकि एक समय पर 700 यात्री इनमें सफर कर पाएंगे। इनमें टू-बाई-टू सीटें भी होंगी।

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