कौन-कौन से हैं वो 12 जिले, जहां से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे, 518 गांव होंगे कनेक्ट
उत्तर प्रदेश में बन रहे देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) से 518 गांव कनेक्ट होने वाले हैं। गंगा एक्सप्रेसवे यूपी के 12 जिलों को कवर करेगा, जिससे राज्य में कनेक्टिविटी और सही हो जाएगी। पहले से ही यूपी में कई एक्सप्रेसवे चालू हैं, जिससे लोगों को लंबी यात्रा करने में आसानी हो रही है। माना जा रहा है कि दिसंबर 2024 तक गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
क्या है गंगा एक्स्प्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का एक निर्माणाधीन सड़क मार्ग है। जो 1,047 किमी (651 मील) लंबा है, फिलहाल 594 किमी पर काम चल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे फिलहाल 6 लेन का होगा, जिसे बाद में 8 लेन में कनवर्ट किया जा सकेगा।
कहां से कहां तक गंगा एक्सप्रेसवे
594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ जिले में एनएच-334 पर खरखौदा के पास बिजौली गांव से शुरू होगा जो प्रयागराज जिले में एनएच-19 पर सोरांव के पास जूड़ापुर दांडू गांव के पास खत्म होगा। मतलब गंगा एक्सप्रेस मेरठ से प्रयागराज की दूरी को कवर करेगा।
12 जिलों को कवर करेगा गंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों (पश्चिम से पूर्व तक) मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, बिलग्राम, मल्लावां, बांगरमऊ, सफीपुर, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा।
12 चरणों में गंगा एक्सप्रेस वे होगा पूरा
यूपीईडा ने 594 किलोमीटर लंबे फेज-1 (मेरठ से प्रयागराज) के निर्माण कार्य को 12 अलग-अलग पैकेजों में विभाजित किया है। कुल अनुमानित परियोजना मूल्य लगभग ₹37,350 करोड़ है, जिसमें लगभग ₹9,500 करोड़ की भूमि अधिग्रहण लागत शामिल है।
गंगा एक्सप्रेसवे पर उतर सकेंगे विमान
गंगा एक्सप्रेसवे पर शाहजहांपुर के जलालाबाद के पास एक हवाई पट्टी भी होगी। इस हवाई पट्टी की लंबाई साढ़े तीन किलोमीटर रखी गई है। इसका मकसद आपात स्थिति में बड़े बोइंग विमान को उतारने की है।
कब चालू होगा गंगा एक्सप्रेसवे
इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की दिशा में यह एक्सप्रेसवे एक मील का पत्थर साबित होगा। महाकुंभ-2025 से पहले दिसंबर 2024 तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे नोएडा से बलिया तक
इस परियोजना का लक्ष्य गंगा नदी के किनारे चलने वाला 1,047 किलोमीटर लंबा एक्सेस-नियंत्रित 8-लेन चौड़ा एक्सप्रेसवे बनाना है। यह एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा को बलिया से जोड़ेगा, जिससे उत्तर प्रदेश की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं के बीच उच्च गति की कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी।
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