तिरूपति लड्डू में सूअर की चर्बी, फिश ऑयल और क्या-क्या, रिपोर्ट से मचा बवाल

Tirupati Laddu Row: तिरूमाला तिरूपति देवस्थान (टीटीडी) के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर शामला राव ने कहा कि उन्होंने जब टीटीडी का पद संभाला तो मंदिर के लड्डुओं के लिए खरीदे जाने वाले घी और लड्डू की गुणवत्ता पर मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की। लड्डू की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता या खोट लड्डू को 'अपवित्र' करने जैसा माना जाता है।'

घी के सैंपल में मिलावट पाई गई
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घी के सैंपल में मिलावट पाई गई

राव ने बताया कि लैब से जो रिपोर्ट आई है उसके मुताबिक घी के सैंपल में मिलावट पाई गई। इसमें वेजिटेबल ऑयल और पशुओं की चर्बी की मिलाई गई है।

फिश ऑयल और बहुत कुछ
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फिश ऑयल और बहुत कुछ

सैंपल में सूअर की चर्बी, पॉम ऑयल, भैंस की चर्बी, मछली के तेल, अंगूर के बीज और तीसी के तेल की मिलावट पाई गई। इस घी को इन सभी के मिश्रण से तैयार किया गया था।

सैंपल की वैल्यू काफी कम आई
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सैंपल की वैल्यू काफी कम आई

दरअसल, शुद्ध दूध के फैट 95.68 से 104.32 के बीच होना चाहिए लेकिन हमारे घी के सभी सैंपल की वैल्यू 20 के आसपास थी।

टीटीडी ने काम शुरू किया
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टीटीडी ने काम शुरू किया

राव ने आगे कहा कि 'मुख्यमंत्री चाहते थे कि गाय का शुद्ध घी खरीदने सहित इस मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए मैं कदम उठाऊं। सीएम की इच्छा के मुताबिक हमने काम करना शुरू किया।

मंदिर के पास लैब नहीं था
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मंदिर के पास लैब नहीं था

हमने पाया कि घी में मिलावट परखने के लिए मंदिर के पास अपनी कोई प्रयोगशाला नहीं है। बाहर के प्रयोगशाला में भी घी की गुणवत्ता जांचने की कोई व्यवस्था नहीं है।'

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