701 KM लंबे 'समृद्धि' एक्सप्रेसवे की ये 8 खास बातें जानते हैं आप?

आज देश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछ रहा है और महाराष्ट्र भी इसमें पीछे नहीं है। बल्कि महाराष्ट्र तो देश के विकास में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाता है। राज्य में दूर-दराज के इलाकों को एक्सप्रेसवे के जरिए बड़े शहरों से जोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में राज्य की राजधानी मुंबई और उपराजधानी नागपुर को जोड़ने के लिए समृद्धि एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है, जो अपने अंतिम चरण में है। चलिए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे की कुछ खास बातें -

Updated Aug 30, 2024 | 04:55 PM IST

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समृद्धि एक्सप्रेसवे का पूरा नाम

समृद्धि एक्सप्रेसवे का पूरा नाम हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग रखा गया है। इस प्रोजेक्ट के जलिए पूरे राज्य के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है।

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समृद्धि एक्सप्रेसवे की लंबाई

समृद्धि एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 701 किमी है। यह पूरा एक्सप्रेसवे मुंबई से नागपुर तक 120 मीटर चौड़ा है, हालांकि पहाड़ी इलाकों में इसकी चौड़ाई घटकर 90 मीटर रह जाती है। इसमें दोनों ओर 3-3 लेन की सड़क बनाई गई है।

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25 इंटरचेंज, 18 टाउनशिप

इस एक्सप्रेसवे पर कुल 25 इंटरचेंज बनाए जा रहे हैं, जहां से यात्री इस एक्सप्रेसवे पर चढ़ और उतर सकते हैं। इसके अलावा इसके साथ-साथ 18 नए टाइनशिप भी बसाए जा रहे हैं।

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150 किमी की स्पीड

समृद्धि एक्सप्रेसवे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इस पर गाड़ियां 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा मार सकती हैं और पहाड़ी इलाकों में 120 किमी की रफ्तार रह सकती है।

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सैकड़ों ब्रिज

701 किमी के समृद्धि एक्सप्रेसवे पर कुल 33 बड़े पुल बनाए गए हैं, जिनकी लंबाई 30 मीटर से ज्यादा है। इसके अलावा 274 छोटे पुल हैं, जो लंबाई में 30 मीटर से कम हैं।

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6 टनल से गुजरेंगी गाड़ियां

समृद्धि एक्सप्रेसवे पर कुल 6 टनल बनाई गई हैं। इस एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरते हुए आप टनल से गुजरने का भी लुत्फ ले सकते हैं। इसके अलावा 8 रेलवे ओवर ब्रिज भी इस एक्सप्रेसवे पर बनाए जा रहे हैं।

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21 जगह मनोरंजन की व्यवस्था

701 किमी लंबे समृद्धि एक्सप्रेसवे पर दोनों तरफ मिलाकर कुल 21 ऐसी जगहें विकसित की जा रही हैं, जहां पर यात्री विश्राम कर सकते हैं।

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नजदीक आएंगे दो हब

देश की आर्थिक राजधानी और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई व उपराजधानी नागपुर इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से करीब आ जाएंगे। इस एक्सप्रेसवे के बनने से दोनों शहर के बीच की दूरी 5 घंटे में सिमट जाएगी।