वीरों का सम्मान बढ़ाने सियाचिन पहुंचे ट्रैकर्स, जवानों संग मनाया स्वतंत्रता दिवस

78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ट्रैकर्स के एक ग्रुप ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर तैनात भारतीय सेना के जवानों संग आजादी का जश्न मनाया। इन ट्रैकर्स में कर्नाटक पर्वतारोहण संघ और भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के पर्वतारोही शामिल थे। भारतीय सेना और ऑक्सबो एक्सप्लोर द्वारा समर्थित यह ट्रेक अपनी तरह का पहला और सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने की एक व्यापक पहल का हिस्सा था।

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​21 से 71 साल के प्रतिभागी​

इस ट्रैकिंग अभियान में 21 से 71 वर्ष की आयु के प्रतिभागी शामिल थे। इस दौरान प्रतिभागियों ने यह देखा कि सियाचिन में सेना किस तरह पर्यावरण संरक्षण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ अपनी महत्वपूर्ण सुरक्षा भूमिका को संतुलित कर रही है।

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​रेडियो सिटी के आरजे भी हुए शामिल​

इस ट्रैकिंग अभियान में रेडियो सिटी के आरजे भी शामिल हुए, सियाचिन में सेना के जवानों और ट्रैकर्स के साथ बातचीत की।

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​पर्यावरण को भी संरक्षित कर रही सेना​

भारतीय सेना ने भारत के सबसे दूरस्थ और कठिन क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी ली है। इसके तहत सेना ने सियासित ग्लेशियर पर वेस्ट मैनेजमेंट प्रणाली लागू की है।

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​कचरे को खाद मे बदल रही सेना​

पर्यावरण संरक्षण के तहत सेना ने रसोई के कचरे को खाद में बदलना शुरू किया है, जिसका उपयोग फिर ग्रीनहाउस में सब्ज़ियां उगाने के लिए किया जाता है।

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​प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल कर रही सेना​

सेना ने प्लास्टिक कचरे को रीसाइकिल करना भी शुरू किया है। इसके तहत कचरे को सियाचिन से तमिलनाडु ले जाया जा रहा है और इससे जैकेट जैसी उपयोगी सामग्री बनाई जा रही है।