दुनिया के इन दो शहरों की हवा हो चुकी है इतनी खराब कि सांस लेने भर से लोग पहुंच रहे अस्पताल, प्रदूषण देख भूल जाइएगा दिल्ली
भारत में इस समय दिल्ली के प्रदूषण को लेकर हंगामा मचा है। स्कूल ऑनलाइन हो चुके हैं, प्रतिबंधन लगने शुरू हो गए हैं। दिल्ली में हवा का स्तर यानि कि AQI 300 प्लस है। अब सोचिए यहां जब 300 है तो ये हाल है, लेकिन जहां हवा का AQI 2000 के आसपास हो, वहां क्या स्थिति होगी। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की स्थिति ऐसी ही है। लाहौर और मुल्तान की हवा इतनी खराब हो चुकी है कि वो जिंदा रखने की जगह लोगों को मारने में मददगार साबित हो रही है।
लाहौर और मुल्तान दो सबसे प्रदूषित शहर
लाहौर और मुल्तान दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं, जबकि पाकिस्तानी नागरिक स्मॉग के कारण श्वसन, अस्थमा, हृदय रोग और स्ट्रोक से पीड़ित हैं। लाहौर में औसत वायु गुणवत्ता रीडिंग 1400 से अधिक है, जबकि मुल्तान में यह कई बार 2000 के आंकड़े को पार कर गई है।
लाहौर में कितना प्रदूषण
पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शुक्रवार को रिपोर्ट में कहा कि लाहौर में दर्ज किया गया उच्चतम वायु गुणवत्ता सूचकांक 2591 था, जिसमें सैयद मरातिब अली रोड पर 2188, पाकिस्तान इंजीनियरिंग सर्विसेज पर 2155 और गाजी रोड इंटरचेंज पर 1704 रीडिंग थी। लाहौर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 1460 है।
सांस लेने से लोग पहुंच रहे अस्पताल
पाकिस्तान के स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लोग श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं। पिछले एक महीने में करीब 20 लाख लोगों को इलाज की जरूरत पड़ी है। आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर में पूरे प्रांत से 19,34,030 मामले सामने आए, जिनमें से अकेले लाहौर से 12,62,30 मामले सामने आए। इसमें यह भी पता चला है कि अक्टूबर में पंजाब प्रांत में 5,000 से अधिक रोगियों को स्ट्रोक का सामना करना पड़ा।और पढ़ें
इमरजेंसी घोषित करने की मांग
वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) फॉर नेचर पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को एक "तत्काल पत्र" भेजा है, जिसमें उनसे इस गंभीर संकट से निपटने के लिए "राष्ट्रीय आपातकाल" घोषित करने का आग्रह किया गया है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ पाकिस्तान ने एक्स पोस्ट में कहा कि हमारे बच्चों का भविष्य दम तोड़ रहा है। वे सांस लेने, सीखने और खेलने के अधिकार की मांग कर रहे हैं। हमें क्या करना होगा? पाकिस्तान ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर स्मॉग आपातकाल को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की है।और पढ़ें
हेल्थ इमरजेंसी घोषित
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि सरकार ने धुंध को स्वास्थ्य संकट घोषित कर दिया है क्योंकि पिछले माह लाखों लोगों के सांस लेने में तकलीफ और श्वसन संबंधी अन्य समस्याओं से पीड़ित होने के मामले सामने आए। उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लगभग 13.0 करोड़ आबादी वाले प्रांत में पिछले कुछ हफ्तों से छाए धुंध से निपटने के लिए लाहौर और मुल्तान जिलों में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया गया है।और पढ़ें
लाहौर में स्कूल बंद
पंजाब सरकार ने इससे निपटने के लिए स्कूलों को बंद करने, अत्यधिक धुआं छोड़ने वाले वाहनों पर नकेल कसने और पिकनिक और मनोरंजन स्थलों पर जाने पर रोक लगाने सहित कई उपाय किए हैं। हालांकि, ये उपाय अपर्याप्त साबित हुए हैं।
लाहौर में इतना प्रदूषण क्यों
यह खतरनाक प्रदूषण सर्दियों में गेहूं की बुवाई के मौसम की शुरुआत में बड़ी संख्या में फसलों को जलाने का परिणाम है। इसके अलावा वाहनों, निर्माण और औद्योगिक कार्यों से उत्पन्न प्रदूषण भी हवा को जहरीली बना रहा है।
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