किसी एक्सप्रेसवे से कम लंबा नहीं है उत्तर प्रदेश का पहला साइकिल हाईवे, 92 गांवों से गुजरते हुए ताजमहल का करता है दीदार

उत्तर प्रदेश में आज से कई साल पहले एक ऐसे हाईवे का निर्माण किया गया है, जो सिर्फ साइकिलों के लिए है। इसे उत्तर प्रदेश का पहला साइकिल हाईवे कहा जाता है। उत्तर प्रदेश का पहला साइकिल हाईवे किसी एक्सप्रेसवे से कम बड़ा नहीं है। उत्तर प्रदेश में स्थित यह साइकिल हाईवे एशिया का भी पहला साइकिल हाईवे है। इस साइकिल हाईवे को आगरा-इटावा साइकिल हाईवे (Agra-Etawah Cycle Highway) कहा जाता है। जो उत्तर प्रदेश के इटावा से शुरू होता है और आगरा तक जाता है।

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92 गांवों से गुजरता है भारत का पहला साइकिल हाईवे

आगरा-इटावा साइकिल हाईवे, भारत का पहला साइकिल हाईवे भी है। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश सरकार ने कराया है। रिपोर्ट्स के अनुसार इटावा और आगरा के बीच यह साइकिल हाईवे यूपी के 92 गांवों से गुजरता है। आगरा इटावा साइकिल हाईवे को 2016 में खोला गया था।

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किसने बनाया यूपी का पहला साइकिल हाईवे

यूपी लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित यह साइकिल हाईवे मुख्य राजमार्ग के समानांतर चलता है और लगभग 7 फीट चौड़ा है। बीच में एक डिवाइडर साइकिल चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। इटावा से आगरा तक के रास्ते में यह 92 गांवों से होकर गुजरता है।

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कई पर्यटक स्थल की सैर कराता है आगरा इटावा साइकिल हाईवे

आगरा इटावा साइकिल हाईवे इटावा में इटावा वन्यजीव सफ़ारी पार्क से शुरू होता है। जिसके बाद यह आगरा की ओर बढ़ने लगता है, आगरा के रास्ते में नौगवा का किला, राजा भोज की हवेली और बटेश्वरनाथ मंदिर जैसे पर्यटन स्थल को कवर करता है। यह आगरा में ताजमहल के पूर्वी द्वार पर समाप्त होता है।

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207 KM लंबा साइकिल हाईवे

यह साइकिल हाईवे चंबल और यमुना नदियों की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाते हुए यात्रियों को यात्रा करवाता है है। रास्ते में घाटियों के नजारे पर्यटकों को क्षेत्र की शांति का आनंद लेने का अवसर भी देते हैं। स्थानीय लोग इसे रोज़ाना आने-जाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि यह ट्रैक 207 किलोमीटर की दूरी तय करता है और दो जिलों में फैला हुआ है।

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उद्घाटन में आए थे 90 साइक्लिस्ट

2016 में जब आगरा इटावा साइकिल हाईवे का उद्घाटन हुआ था, तब अपनी तरह का यह पहला प्रोजेक्ट था। इटावा में लॉयन सफारी में उद्घाटन समारोह के बाद पांच देशों और पूरे भारत से 90 साइकिल चालकों की रैली निकली थी।

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पर्यटन के साथ पर्यावरण का ख्याल

आगरा इटावा साइकिल हाईवे से पर्यटन स्थल तक आम लोगों की पहुंच तो आसान हुई ही, साथ ही पर्यावरण को भी फायदा हुआ। आसपास के लिए पहले जहां इन पर्यटन स्थलों तक गाड़ियों से पहुंचते थे, वहां अब साइकिल से भी पहुंचने लगे, जिससे कई तरह के प्रदूषण की कमी में सहायता की उम्मीद जताई गई थी।

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उद्घाटन के बाद विवादों मे

उत्तर प्रदेश के पहले साइकिल हाईवे को लेकर विवाद भी रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही इस साइकिल हाईवे में दरार दिखने लगीं थीं। स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण का भी दावा किया गया था। साथ ही निर्माण की क्वालिटी पर भी सवाल उठाए गए थे।