4 राज्य, 2 राजधानी और 18 शहर से होकर गुजरेगा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे, 14 घंटे का सफर 7 घंटे में होगा पूरा

Varanasi Kolkata Expressway: वाराणसी से कोलकाता एक्सप्रेसवे 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। देश के 4 राज्यों को जोड़ने वाला वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे 610 किलोमीटर तक लंबी होगा। जो देश के 18 बड़े शहरों से होकर गुजरेगी। वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे देश के 2 राजधानियों को भी डायरेक्ट कनेक्ट करेगा। इसके अलावा यह देश के कुछ अन्य एक्सप्रेसवे से जुड़ कर पूरे देश की भी यात्रा कराएगा।

कहां से कहां तक होगा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे
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कहां से कहां तक होगा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे, जिसे वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे और NH-319B के नाम से भी जाना जाता है, वो उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से शुरू होगा और पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के उलुबेरिया के पास समाप्त होगा।

चार राज्यों को कवर करेगा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे
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चार राज्यों को कवर करेगा वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस झारखंड की राजधानी रांची के माध्यम से उत्तर प्रदेश के आध्यात्मिक शहर वाराणसी को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से जोड़ेगा। यह ग्रैंड ट्रंक रोड या एशियाई राजमार्ग 1 के लगभग समानांतर चलेगा, और चार राज्यों-उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुज़रेगा।

घट जाएगी दूरी
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घट जाएगी दूरी

वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का एक हिस्सा है और यह यात्रा के समय और दूरी दोनों को 12-14 घंटों से घटाकर केवल 6-7 घंटे कर देगा तथा यात्रा की दूरी को 690 किमी (430 मील) से घटाकर 610 किमी (380 मील) कर देगा।

वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे से फायदा
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वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे से फायदा

वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे के पूरा हो जाने पर, इन 4 राज्यों में उद्योगों की वृद्धि और सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच रोजगार को बढ़ावा देने के साथ तेजी से विकास होगा, जिसकी वर्तमान में इन क्षेत्रों में पूरी तरह से कमी है। वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे को पहले आठ लेन का बनाया जाना था, लेकिन जगह की कमी के कारण इसे छह लेन कम कर दिया गया। और पढ़ें

वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे का बजट
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वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे का बजट

35,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे चतरा के हंटरगंज से झारखंड में प्रवेश करेगा और हजारीबाग और रामगढ़ से गुजरते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में निकल जाएगा।

बिहार को फायदा ही फायदा
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बिहार को फायदा ही फायदा

वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे से बिहार में व्यापार गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगी, क्योंकि गया में बनने वाला लॉजिस्टिक पार्क इससे जुड़ा होगा। एक्सप्रेसवे बिहार को माल के निर्यात के लिए कोलकाता बंदरगाह तक आसान पहुंच भी प्रदान करेगा।

वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा पूरा देश
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वाराणसी कोलकाता एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा पूरा देश

एक्सप्रेसवे वाराणसी और कोलकाता के बीच सीधा मार्ग बनाएगा, जिससे यात्रा का समय और दूरी 12 से 14 घंटे से घटकर केवल 6 से 7 घंटे और दूरी 690 किमी से घटकर 610 किमी रह जाएगी। यह न केवल वाराणसी को जोड़ेगा, बल्कि एक्सप्रेसवे की एक श्रृंखला के माध्यम से कोलकाता को राष्ट्रीय राजधानी के साथ-साथ जम्मू और कश्मीर से भी सीधा जोड़ेगा, इसके साथ ही पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से दिल्ली और दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के माध्यम से जम्मू और कश्मीर को जोड़ेगा। आने वाले वर्षों में पूर्वांचल और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के बजाय गंगा एक्सप्रेसवे कोलकाता के साथ-साथ हरिद्वार को भी तेजी से जोड़ेगा। वाराणसी तक का यह एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के माध्यम से चंबल एक्सप्रेसवे के जरिए राजस्थान को भी जोड़ेगा।और पढ़ें

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