क्या है FIVE EYES जिसके दम पर ट्रूडो ले रहे भारत से पंगा, अमेरिका भी खुलकर दे रहा कनाडा का साथ
14 अक्टूबर को भारत-कनाडा संबंधों में आई खटास ने ऐतिहासिक कूटनीतिक गतिरोध का रूप ले लिया। भारत और कनाडा के संबंध अब तक के निम्नतम स्तर पर पहुंच गए हैं। जस्टिन ट्रूडो की कनाडाई सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को घेरे में ले लिया जिसके बाद संबंध रसातल में चले गए। जस्टिन ट्रूडो लगातार भारत पर आरोप लगा रहे हैं और उसका साथ दे रहा है अमेरिका। इस मौके पर जस्टिन ट्रूडो लगातार फाइव आईज (Five Eyes) का भी जिक्र कर रहे हैं। आखिर क्या है फाइव आईज और क्या है इसकी भूमिका आइए जानते हैं।
हरदीप निज्जर हत्या पर फाइव आईज का इनपुट
कनाडा ने सबसे पहले भारत सरकार पर हरदीप निज्जर की हत्या से जुड़े होने का आरोप लगाया और कहा कि फाइव आईज नेटवर्क से खुफिया जानकारी मिलने के बाद उसने जांच आगे बढ़ाई है। इसके बाद से ही फाइव आईज ग्रुप चर्चा में है। इस ग्रुप में अमेरिका भी शामिल है जो कनाडा के सुर में सुर मिला रहा है। इसी वजह से ट्रुडो के हौसले भी बढ़ गए हैं और वह इस ग्रुप को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
फाइव आईज- इंटेलिजेंस ग्रुपिंग क्या है?
फाइव आईज गठबंधन पांच अंग्रेजी भाषी देशों के बीच एक दीर्घकालिक और बेहद प्रभावशाली खुफिया साझेदारी वाला संगठन है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इस संगठन का गठन 1946 के यूकेयूएसए समझौते के तहत हुआ था, जो सिग्नल इंटेलिजेंस (SIGINT) में सहयोग के लिए की गई एक बहुपक्षीय संधि है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान गठन
यह गठबंधन दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश और अमेरिकी कोड-ब्रेकरों के बीच गुप्त बैठकों के बाद अस्तित्व में आया था। युद्ध के मोर्चों पर ताकत बढ़ाने के लिए इसे अस्तित्व में लाया गया था। शुरुआत में इसमें सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही शामिल थे, बाद में इसका विस्तार 1948 में कनाडा और 1956 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को शामिल करने तक हो गया।
फाइव आईज को सूचनाए हासिल करने में महारत
कनाडा के सार्वजनिक सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी विभाग का कहना है कि यह गठबंधन दुनिया की सबसे एकीकृत बहुपक्षीय व्यवस्थाओं में से एक है। फोर्ब्स के अनुसार, फाइव आईज गठबंधन अपनी व्यापक वैश्विक निगरानी क्षमताओं के लिए जाना जाता है, जो उपग्रहों, टेलीफोन नेटवर्क और फाइबर ऑप्टिक केबलों से डेटा को इंटरसेप्ट करने जैसे विभिन्न तरीकों के माध्यम से फोन कॉल, ईमेल और टेक्स्ट संदेशों सहित इलेक्ट्रॉनिक संचार की निगरानी करता है।
आज भारत के खिलाफ इस्तेमाल
यह विडंबनापूर्ण है कि फाइव आईज का जिक्र भारत के संदर्भ में किया जा रहा है क्योंकि चीन की ताकत के बीच यह समूह तेजी से सक्रिय हो गया है और अमेरिका द्वारा इसे नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। अमेरिका लगातार कनाडा का ही साथ दे रहा है।
ट्रूडो के आरोप में फाइव आईज की भूमिका
निज्जर की हत्या के बाद से अमेरिका ने न्यूयॉर्क में गुरपतवंत सिंह पन्नुन की हत्या के प्रयास की साजिशों की जांच में कनाडा के साथ सहयोग बढ़ा दिया है। जैसे ही 15 अक्टूबर को भारत-कनाडा विवाद बढ़ा, अमेरिका ने कहना शुरू कर दिया कि कनाडा में निज्जर की हत्या के बारे में ट्रूडो के आरोप बेहद गंभीर हैं, और भारत को उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है।
फाइव आईज की खुफिया रिपोर्ट में दावा
2023 की सीएनएन रिपोर्ट के अनुसार, यह फाइव आईज की खुफिया जानकारी थी जिसके बाद कनाडा ने सार्वजनिक रूप से भारत सरकार पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया। कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन ने ट्रूडो के दावों के एक सप्ताह बाद सीएनएन को बताया, मैं इस बात की पुष्टि कर रहा हूं कि फाइव आईज भागीदारों के बीच साझा खुफिया जानकारी थी, जिसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने निज्जर हत्याकांड में बयान दिए।
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