RBI Withdraw 2000 Note: क्या है RBI की क्लीन नोट पॉलिसी, जिसके तहत 2000 के नोट होंगे वापस

RBI Withdraw 2000 Note: भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 के नोट वापस लेने का फैसला किया है। आरबीआई ने अपनी क्लीन नोट पॉलिसी के तहत यह फैसला किया है। नोट बदलने के लिए 30 सितंबर 2023 तक की डेडलाइन भी तय कर दी गई है। आरबीआई ने बैंकों से कहा कि वो तत्काल प्रभाव से 2000 के नोटों को जारी न करे। हालांकि अभी 2000 के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। आरबीआई ने कहा है कि नोट बदलने की इस पूरे प्रोसेस को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए 2000 के नोटों को जमा करने और बदलने के लिए चार महीने से ज्यादा का समय दिया गया है।

आज क्यों है क्लीन नोट पॉलिसी की चर्चा
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आज क्यों है क्लीन नोट पॉलिसी की चर्चा

आज की तारीख में क्लीन नोट पॉलिसी की चर्चा इसलिए हो रही है कि इसी के तहत आरबीआई ने 19 May 2023 को 2000 के नोटों को वापस लेने का ऐलान किया है। इस नोट को वापस करने के लिए एक समयसीमा 30 सितंबर 2023 निर्धारित की गई है।

क्या है क्लीन नोट पॉलिसी
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क्या है क्लीन नोट पॉलिसी

आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी के तहत जारी नोटों को वापस लिया जाता है। इसे जाली नोटों के सर्कुलेशन पर लगाम लाने के उद्देश्य से लाया गया था। इसके कुछ अच्छे प्रभाव भी दिखे हैं, तो थोड़ा संकट भी इस पॉलिसी के लागू करने के बाद देखा गया है।

कब आई थी क्लीन नोट पॉलिसी
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कब आई थी क्लीन नोट पॉलिसी

क्लीन नोट पॉलिसी सन् 1988 में लाई गई थी। असली नोटों को सर्कुलन में बनाए रखने में आरबीआई की यह पॉलिसी काफी मददगार है। डिजिटल पेमेंट के आने के बाद इसमें सुधार किया गया और अक्टूबर 2018 में आरबीआई नई क्लीन नोट पॉलिसी लेकर आई।

पहले भी आरबीआई कर चुकी है इसका इस्तेमाल
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पहले भी आरबीआई कर चुकी है इसका इस्तेमाल

इस पॉलिसी का इस्तेमाल समय-समय पर आरबीआई करती रही है। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद से कई बार नोटों को इसी कानून के तहत वापस मंगवाया है।

होती रही है आलोचना
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होती रही है आलोचना

क्लीन नोट पॉलिसी की आलोचना भी होती रही है। इसके तहत जब मार्केट से नोटों को वापस मंगाया जाता है तो कई बार नकदी का संकट भी पैदा हो गया है। साथ ही इसके तहत लिए गए फैसले से गरीब तबके पर ज्यादा असर देखा गया है।

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