क्या है रूस का टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर, जहां पहुंचे थे PM मोदी; दिलचस्प है कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जुलाई, 2024 को रूस के मॉस्को में टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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​​​प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी​

तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रूस यात्रा की। प्रधानमंत्री मोदी रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बुलावे पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान मॉस्को का ‘टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर’ चर्चा में रहा, जहां पीएम मोदी पहुंचे। आइए आज आप को बताते है कि आखिर क्या है टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर?और पढ़ें

टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर
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​​टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर​

टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर एक वॉर मेमोरियल है। यह स्मारक द्वितीय विश्व युद्ध में मारे गए सोवियत संघ के सैनिकों को समर्पित है। पीएम मोदी यहां पहुंचे और सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। यह मॉस्को के अलेक्जेंडर गार्डन में है। सोवियत सैनिकों को समर्पित इस युद्ध स्मारक को आर्किटेक्ट डी. आई. बर्डिन और वी. ए. क्लिमोव ने डिजाइन किया गया था। और पढ़ें

आपका नाम अज्ञात है आपका काम अमर है
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​आपका नाम अज्ञात है, आपका काम अमर है​

टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर का 8 मई, 1967 को अनावरण किया गया। इस स्मारक के सामने एक वर्गाकार मैदान पांच कोण वाला तारा बना हुआ है और उसके केंद्र में अमर ज्वाला जलती है। यह वहां पर मौजूद कांस्य शिलालेख को जगमग करती है। शिलालेख पर रूसी भाषा में Имя твоё неизвестно, подвиг твой бессмертен लिखा है। जिसका मतलब है, आपका नाम अज्ञात है, आपका काम अमर है। इसे सोवियत सैनिकों के बलिदान को दर्शाता है।और पढ़ें

दिमित्री मेदवेदेव
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​​दिमित्री मेदवेदेव ​

समय-समय पर इस वॉर मेमोरियल का जीर्णोद्धार किया गया है। इसकी 30वीं वर्षगांठ तक स्मारक को पूरी तरह से बदल दिया गया था। 17 नवंबर 2009 को, तत्कालीन रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने स्मारक को सैन्य गौरव का एक राष्ट्रव्यापी स्मारक घोषित किया था। इसके बाद इसके मूल स्वरूप को संरक्षित करने के लिए बड़े पैमाने पर पुनर्निर्माण किया गया और यह सैन्य गौरव का प्रतीक बन गया। और पढ़ें

विजय दिवस
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​​विजय दिवस​

23 फरवरी, 2010 को मेदवेदेव की उपस्थिति में एक समारोह में अमर ज्वाला को अलेक्जेंडर गार्डन में लाया गया था। पुनर्निर्माण का कार्य साल 2010 में विजय दिवस तक पूरा हो गया था, और 8 मई को, रूस, बेलारूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों द्वारा सैन्य गौरव के राष्ट्रीय स्मारक का उद्घाटन किया गया था। रूस 3 दिसंबर 2014 से हर साल अज्ञात सैनिक दिवस मनाता आ रहा है।और पढ़ें

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