क्या टोंगा में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के चलते बढ़ी गर्मी? जानें कब फटा था वोल्केनो

Tonga Volcano: टोंगा के ज्वालामुखी को लेकर एक रिसर्च सामने आई है। कहा जा रहा है कि टोंगा में ज्वालामुखी के फटने की वजह से मौसम ठंडा हो गया। हालांकि, 2023-24 की भीषण गर्मी के लिए भी इसे जिम्मेदार माना जा रहा था, लेकिन इस विषय पर अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन से पता चला है कि टोंगा के प्रशांत द्वीप में हंगा टोंगा ज्वालामुखी में हुए विस्फोट की वजह से वायुमंडल में पानी की बौछार फैली थी जिसके चलते नमी बढ़ गई।

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कब हुआ था ज्वालामुखी विस्फोट?

प्रशांत देश टोंगा के हंगा टोंगा ज्वालामुखी में 15 जनवरी, 2022 को विस्फोट हुआ था। जिसकी वजह से सुनामी की लहरें पैदा हुई थीं। दरअसल, टोंगा द्वीप 'रिंग ऑफ फायर' में मौजूद है।

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ज्वालामुखी का धुआं

आमतौर पर ज्वालामुखी विस्फोट का धुआं पृथ्वी की सतह को कुछ वक्त के लिए ठंडा कर देता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि धुएं के बादल में सल्फर डाइऑक्साइड होती है और यह सल्फेट एरोसोल में बदल जाती है। जिसकी वजह से सूर्य की रोशनी सतह पर पहुंचने से पहले ही वापस लौट जाती है।

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क्या ज्वालामुखी भीषण गर्मी के लिए है जिम्मेदार?

ऐसा माना जा रहा था कि ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से 2023-24 में भीषण गर्मी पड़ेगी, लेकिन वैश्विक तापमान के लिए यह जिम्मेदार है या नहीं? इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। शुरुआती अनुमान था कि 2023-24 की वैश्विक गर्मी के लिए यह जिम्मेदार हो सकता है।

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क्या ठंडी हुई थी सतह?

ज्वालामुखी के धुएं से पृथ्वी की सतह थोड़े समय के लिए ठंडी हो जाती है, लेकिन टोंगा में ऐसा नहीं हुआ। जर्नल ऑफ क्लाइमेट में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन से पता चलता है कि पानी के नीचे ज्वालामुखी होने की वजह से थोड़ा ही धुआं पैदा हुआ, लेकिन जल वाष्प अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न हुआ।

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भाप में बदल गया समुद्री जल

ज्वालामुखी विस्फोट की वजह से अत्यधिक मात्रा में समुद्री पानी भाप में बदल गया था, जो वायुमंडल के ऊपर चला गया।