कब, कहां और कैसे फटता है बादल, जिससे मची है हिमाचल प्रदेश में तबाही

हर साल मॉनसून के समय में बादल फटने की घटना सामने आती है, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बादल फटने से हर साल लोग मारे जाते हैं। इस साल भी यही हाल है। हिमाचल और उत्तराखंड में बादल फट चुके हैं, तबाही आ चुकी है, घर बह चुके हैं साथ ही कई परिवार भी उजड़ गए हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बादल फटते क्यों हैं, कैसे फटते हैं और कहां फटते हैं?

बादल क्यों फटता है
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बादल क्यों फटता है

बादल तब होता है जब गर्म हवा की धाराएं बारिश की बूंदों को गिरने से रोकती हैं और पानी जमा होने लगता है। जब ऊपर की ओर बहने वाली धाराएं कमज़ोर होती हैं, तो अचानक भारी बारिश होती है और सारा पानी एक जगह गिर जाती है।

बादल फटने पर क्या होता है
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बादल फटने पर क्या होता है

बादल फटने की घटना में मूसलाधार बारिश होती है, साथ ही ओले और गरज भी होती है। बादल फटना एक छोटी सी अवधि में अचानक होने वाली अत्यधिक वर्षा है।

कितने एरिया में मचती है तबाही
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कितने एरिया में मचती है तबाही

यह आम तौर पर केवल कुछ किलोमीटर के क्षेत्र में केंद्रित होती है, जिससे अचानक बाढ़ आती है और नदियों में बाढ़ आ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप विनाशकारी परिणाम होते हैं।

कहां फटता है बादल
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कहां फटता है बादल

पर्वतीय क्षेत्र नमी युक्त हवा को तेजी से ऊपर उठने के लिए अनुकूल भूभाग प्रदान करते हैं। महासागर तेजी से गर्म हो रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप नमी युक्त हवा हिमालय क्षेत्र में पहुंचती है, जिससे बादल फटने की घटनाएं होती हैं।

बादल फटने की बड़ी घटनाएं
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बादल फटने की बड़ी घटनाएं

सबसे भयंकर बादल फटने की घटनाओं में वर्षा की तीव्रता का केवल अनुमान ही लगाया जा सकता है। 29 नवंबर, 1911 को पोर्टो बेलो, पनामा में सबसे बड़ा बादल फटा जब 3 मिनट में 2.47 इंच (63 मिमी) वर्षा दर्ज की गई थी।

बादल फटने का अनुमान लगाया जा सकता है
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बादल फटने का अनुमान लगाया जा सकता है?

बादल फटना अचानक होने वाली बारिश है जो काफी अप्रत्याशित, बहुत अचानक हो सकती है, जिसके साथ ओले और गरज भी हो सकती है।

भारत में बादल फटने की सबसे बड़ी घटना
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भारत में बादल फटने की सबसे बड़ी घटना

जून 2013 में, उत्तराखंड में दोपहर के समय बादल फटने से विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन हुआ, जो 2004 की सुनामी के बाद देश की सबसे खराब प्राकृतिक आपदा थी।

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