किसने बसाया सिंगापुर और इस नाम के पीछे की कहानी भी जानें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर दौरे पर हैं। आज यानी गुरुवार को पीएम मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों में चार MoU साइन किए। सिंगापुर और भारत का संबंध बहुत पुराना है। क्या आप जानते हैं सिंगापुर को किसने बसाया और उसके इस नाम के पीछे की क्या कहानी है? चलिए जानते हैं -

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पीएम मोदी दौरे पर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर के दौरे पर हैं। PM ने यहां सेमीकंडक्टर कंपनी का दौरा भी किया है।

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तीसरी सदी का रिकॉर्ड

सिंगापुर के लिखित रिकॉर्ड की बात करें तो सबसे पुराना रिकॉर्ड तीसरी सदी के एक चीनी विवरण में मिलता है, जिसमें पु लुओ चुंग द्वीप का जिक्र है।

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मलय द्वीप का नाम

पु लुओ चुंग शब्द मलय नाम पुआऊ उजोंग से लिया गया है, जिसका अर्थ मलय प्रायद्वीप होता है।

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13वीं सदी का इतिहास

मलय इतिहास के अनुसार श्रीविजय का एक राजकुमार, श्री त्रिभुवन 13वीं सदी में इस द्वीप पर आया था। श्री त्रिभुवन को सांग नील उत्तम के रूप में भी जाना जाता है।

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सिंगपुरा से सिंगापुर तक

राजकुमार श्री त्रिभुवन ने यहां एक सिंह यानी शेर देखा और इसे शुभ संकेत मानकर यहीं पर सिंगपुरा नाम की एक बस्ती बसा दी। जो आगे चलकर सिंगापुर हो गया।

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संस्कृत में सिंगपुरा का अर्थ

इसके शुरुआती नाम सिंगपुरा का संस्कृत में अर्थ 'सिंह का शहर' यानी शेर का शहर होता है। इसका मतलब है कि उस समय राजकुमार को लगा कि यहां काफी शेर हैं।

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सिंगापुर में शेर नहीं बाघ

हालांकि, माना जाता है कि राजकुमार ने बाघ को शेर समझ लिया, क्योंकि सिंगापुर में शेर नहीं होते थे। हाल के समय तक सिंगापुर में बाघ जरूर पाए जाते रहे हैं।