औरंगजेब ने दारा शिकोह का सिर ताजमहल में तो धड़ दिल्ली में क्यों दफन करवाया था?

मुगल बादशाह औरंगजेब ने अपने शासन में न सिर्फ हिंदुओं पर बल्कि अपने पिता और भाइयों पर भी जुल्मों की इंतेहा कर दी थी। सबसे अधिक क्रूरता उसने अपने बड़े भाई दारा शिकोह पर दिखाई थी और उसकी बेरहमी से जान ले ली थी। औरंगजेब ने दारा शिकोह को मारने के बाद उसका सिर पिता शाहजहां को भिजवा दिया था। लेकिन औरंगजेब ने दारा शिकोह का सिर ताजमहल और धड़ दिल्ली में क्यों दफन करवाया, ये जानते हैं।

जंजीरों में बांधकर दिल्ली लाया गया
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जंजीरों में बांधकर दिल्ली लाया गया

शाहजहांनामा के अनुसार, औरंगजेब से हारने के बाद दारा शिकोह को जंजीरों में बांधकर दिल्ली लाया गया। इतिहासकार मनूची ने लिखा, दारा शिकोह को औरंगजेब ने खूब बेइज्जत किया, दिल्ली में उसकी सरेआम परेड करवाई गई। जब दारा का कत्ल हो रहा था तो वहां मौजूद औरतें जोर-जोर से रोने लगीं। उन्होंने अपने सीने पीटने शुरू कर दिए और अपने जेवर भी उतार कर फेंक दिए।

औरंगजेब ने दारा शिकोह का कटा सिर भेजा
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औरंगजेब ने दारा शिकोह का कटा सिर भेजा

औरंगजेब ने दारा शिकोह और उसके बेटे के साथ जेल में डाला था। औरंगजेब के आदेश पर दारा शिकोह पर इस्लाम के विरोधी होने के आरोप भी तय किए गए और उसे मौत की सजा दी गई। फ्रेंच इतिहासकार के अनुसार औरंगजेब ने ही दारा शिकोह का कटा हुआ सिर लाने का आदेश दिया था। औरंगजेब ने सिर को देखकर दारा शिकोह की पहचान की और फिर इसे शाहजहां के पास भिजवाने का आदेश दिया।

औरंगजेब के तोहफे से शाहजहां हुआ बदहवास
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औरंगजेब के 'तोहफे' से शाहजहां हुआ बदहवास

इतालवी इतिहासकार के अनुसार, औरंगजेब ने दारा शिकोह की हत्या की खबर पत्र भेजकर दी थी। जब शाहजहां ने औरंगजेब के पत्र की बात सुनी तो उन्हें औरंगजेब से नरमी की कुछ उम्मीद जगी। लेकिन इस दौरान जब तश्तरी से ढक्कन हटाया गया, तो उसमें बड़े बेटे दारा शिकोह का कटा हुआ सिर रखा था। इसे देश शाहजहां बदहवास हो गया।

धड़ हुमायूं के मकबरे में दफनाया
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धड़ हुमायूं के मकबरे में दफनाया

औरंगजेब के आदेश पर दारा शिकोह के धड़ को तो हुमायूं के मकबरे में दफनाया गया लेकिन सिर को ताजमहल के परिसर में दफनाया गया। औरंगजेब का मानना था कि जब भी शाहजहां की नजर मुमताज महल के मकबरे पर जाएगी, तब उन्हें याद आएगा कि उनके बड़े बेटे का सिर भी वहीं पर है। दरअसल, औरंगजेब दारा शिकोह से बहुत चिढ़ता था क्योंकि वह शाहजहां का सबसे प्रिय बेटा था।

दारा शिकोह की खूबियां औरंगजेब का आतंक
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दारा शिकोह की खूबियां, औरंगजेब का आतंक

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि अगर औरंगजेब के बजाय मुगल सिंहासन पर दारा शिकोह का राज होता तो भारत में धार्मिक सौहार्द होता। दारा एक सूफी विचारक थे, जिन्होंने सूफीवाद को वेदांत दर्शन से जोड़ा था। वह सही मायनों में एक दार्शनिक और सर्वधर्म समभाव वाले राजकुमार थे। इसी वजह से कट्टर औरंगजेब उनसे चिढ़ता था। दारा शिकोह का व्यक्तित्व बहुत बहुमुखी था। वह एक विचारक, विद्वान, सूफी और कला की गहरी समझ रखने वाला व्यक्तित्व था। लेकिन उसमें युद्ध और शासन के प्रति उदासीनता थी।

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