आखिर कैसे ब्रिटेन की सत्ता से बेदखल हो गए ऋषि सुनक, क्यों नहीं भांप पाए हार?

ब्रिटेन की सत्ता से ऋषि सुनक अब बेदखल हो चुके हैं। ऋषि सुनक की पार्टी कंजर्वेटिव पार्टी 14 साल बाद सत्ता गंवाई है। ऋषि सुनक का भारतवंशी होने के कारण इंडिया में भी उनकी काफी लोकप्रियता है। इंफोसिस के संस्थापर नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक 2022 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने थे।

समय से पहले करवाए थे चुनाव
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समय से पहले करवाए थे चुनाव

ऋषि सुनक ने समय से पहले चुनाव ये चुनाव करवाया था। यह पहले से ही एक जोखिम भरा फैसला माना जा रहा था, क्योंकि उनकी पार्टी पहले से ही पिछड़ती दिख रही थी, ब्रिटेन में 28 जनवरी 2025 से पहले चुनाव होना था, 17 दिसंबर 2024 को मौजूदा संसद का कार्यकाल पूरा हो रहा था।

 क्यों चुनाव हारे ऋषि सुनक
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क्यों चुनाव हारे ऋषि सुनक

14 साल तक सरकार में रहने के बाद, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी को अब तक की सबसे बुरी चुनावी हार का सामना करना पड़ा है। सत्ता विरोधी लहर और अर्थव्यवस्था की स्थिति से लेकर आव्रजन और स्वास्थ्य सेवा तक, कंजर्वेटिव पार्टी के सत्ता खोने के कुछ मुख्य कारण हैं।

धीमी आर्थिक वृद्धि
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धीमी आर्थिक वृद्धि

सुनक सरकार की हार का सबसे महत्वपूर्ण कारण पिछले कुछ वर्षों में ब्रिटेन में आए संकटों की श्रृंखला है। 2023 में, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में मामूली 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इस साल की शुरुआत में मंदी आ गई।

ऋषि सुनक ने मानी हार
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ऋषि सुनक ने मानी हार

ऋषि सुनक ने लेबर पार्टी के कीर स्टारमर के सामने आम चुनाव में अपनी हार मान ली है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनके और उनकी पार्टी के लिए एक 'कठिन रात' रही है। हालांकि ऋषि सुनक रिचमंड और नॉर्थहेलर्टन सीट से चुनाव जीत गए हैं।

क्या बोले ऋषि सुनक
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क्या बोले ऋषि सुनक

ऋषि सुनक ने भावुक होते हुए कहा- "इस कठिन रात में, मैं रिचमंड और नॉर्थलेरटन निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति उनके निरंतर समर्थन के लिए अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं। लेबर पार्टी ने इस आम चुनाव में जीत हासिल की है। मैंने सर कीर स्टारमर को उनकी जीत पर बधाई देने के लिए फोन किया है। ब्रिटिश लोगों ने आज रात एक गंभीर फैसला सुनाया है। सीखने के लिए बहुत कुछ है और मैं इस हार की जिम्मेदारी लेता हूं।"और पढ़ें

कई बार बदले पीएम
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कई बार बदले पीएम

ब्रेक्जिट और कोविड महामारी के चलते कई झटकों का सामना करने वाली कंजर्वेटिव पार्टी के उथल-पुथल भरे रहे। 14 साल के शासन के दौरान कई पीएम बदले। अंत में 44 वर्षीय सुनक को प्रधानमंत्री पद मिला था।

 सुनक का भारत से खास संबंध
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सुनक का भारत से खास संबंध

साउथेम्प्टन में जन्मे सुनक के माता-पिता-सेवानिवृत्त डॉक्टर यशवीर और फार्मासिस्ट उषा सुनक भारतीय मूल के हैं, जो 1960 के दशक में केन्या से ब्रिटेन पहुंचे थे। उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति इन्फोसिस के संस्थापक नारायणमूर्ति तथा शिक्षिका, लेखिका एवं वर्तमान में भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा की सदस्य सुधा मूर्ति की बेटी हैं। और पढ़ें

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