वाराणसी में गंगा क्यों ले रही रौद्र रूप? 24 घंटे में 86 सेंटीमीटर बढ़ी, नीचे की मंदिरें और पूजा स्थल जलमग्न

वाराणसी में सालों बाद गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है। गंगा का पानी लगातार बढ़ रहा है। कई मंदिरें और पूजा स्थल जलमग्न हो चुके हैं। गंगा की सहायक पहाड़ी नदियों में बारिश के कारण जो उफान आया है, उसका असर गंगा में बढ़ते जलस्तर के रूप में देखने को मिल रहा है। अगर गंगा का जलस्तर ऐसे ही बढ़ते रहा तो जल्द ही पानी सड़कों पर आ जाएगा।

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गंगा का रौद्र रूप

पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी उफान पर है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर 24 घंटे में 86 सेंटीमीटर बढ़ गया है। वर्तमान में दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है।

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मंदिर जलमग्न

गंगा का जलस्तर बढ़ने से घाट किनारे की सीढ़ियां और मंदिर जलमग्न हो गए हैं। सिंधिया घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर का गर्भगृह जलमग्न हो गया है। इसी तरह अगर गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही तो रोजाना होने वाली गंगा आरती का स्थान भी बदला जा सकता है।

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सड़क पर आ जाएगा गंगा का पानी

जलस्तर बढ़ने से दिन में घाट की चार सीढ़ी तो वहीं रात में 6 सीढ़ी डूब रही है। बाढ़ की स्थिति गंभीर लग रही है। पानी लगातार इसी तरह बढ़ता रहा तो सड़क पर पानी आने की संभावना है।

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मणिकर्णिका घाट तक रास्ता बंद

जलस्तर बढ़ने से सीढ़ियों पर आना-जाना बाधित हो रहा है। जलस्तर लगातार बढ़ता रहा तो शीतला माता के चरणों को छू जाएगा। राजा हरिश्चंद्र घाट से लेकर मणिकर्णिका घाट तक पहुंचने का रास्ता बंद हो चुका है।

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आरती स्थल पर मंडरा रहा खतरा

आरती स्थल डूबने वाला है। हो सकता है आगे आरती का स्थान भी बदला जा सकता है। नीचे स्थित कुछ मंदिर और पूजा स्थल डूब चुके हैं।

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घाट पर नहाने में परेशाानी

एक-दो दिन बाद जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। घाट पर नहाने में दिक्कत हो सकती है। पिछले दिनों की अपेक्षा जलस्तर की बढ़ोतरी कम हो गई है।

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शवदाह पर भी असर

गंगा के जलस्तर में हुई खतरनाक वृद्धि ने कई घाटों के आपसी संपर्क को तोड़ दिया है। घाट की सीढ़ियां नदी के पानी में डूब जाने के कारण मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट की निचली सीढ़ियों पर शवदाह रोक दिया गया।