आखिर क्यों सबसे ज्यादा भारत में पैदा होता है प्लास्टिक का कचरा, रूस और चीन भी नहीं है पीछे

प्लास्टिक के कचरे पैदा करने में भारत नंबर हुआ है, ऐसा एक रिपोर्ट में कहा गया है। इस सर्वे में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि ज्यादातर विकासशील देशों का हाल बुरा है। चीन, रूस, पाकिस्तान, ब्राजील सभी प्लास्टिक का कचरा पैदा करने में टॉप के देशों में शुमार हैं। वहीं अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों ने प्लास्टिक के कचरे को कम करने में काफी हद तक सफलता हासिल की है।

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भारत कितना पैदा करता है प्लास्टिक का कचरा

ब्रिटेन में लीड्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अनुसार प्लास्टिक कचरा पैदा करने के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है और प्रति वर्ष एक करोड़ दो लाख टन कचरा पैदा करता है जो अन्य बड़े प्रदूषक देशों की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। अध्ययन में उस प्लास्टिक को शामिल किया गया है जो खुले वातावरण में फेंका जाता हैं। इसमें उस प्लास्टिक कचरे को शामिल नहीं किया गया है जो लैंडफिल में जाता है या जिसे उचित तरीके से जला दिया जाता है।

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दुनिया में हर साल कितना प्लासिटक का कचरा

दुनिया हर साल पांच करोड़ 70 लाख टन प्लास्टिक प्रदूषण पैदा करती है जो सबसे गहरे महासागरों से लेकर सबसे ऊंचे पहाड़ों की चोटियों और लोगों के शरीर तक में फैल गया है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि इस प्रदूषण का दो-तिहाई से अधिक हिस्सा ‘ग्लोबल साउथ’ (अल्प विकसित एवं विकासशील देश) से आता है।

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प्लास्टिक के कचरे में कैसे है भारत नंबर 1

सरकार कचरे को इकट्ठा करने और उसका निपटान करने में विफल रहती है और यही एक बड़ा कारण है कि दक्षिण-पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में सबसे अधिक प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। अध्ययन में कहा गया है कि प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार लोगों में भारत के 25 करोड़ 50 लाख लोग शामिल हैं।

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सबसे ज्यादा प्लास्टिक का कचरा पैदा करने वाले शहर

नाइजीरिया के लागोस ने किसी भी अन्य शहर की तुलना में सबसे अधिक प्लास्टिक प्रदूषण उत्सर्जित किया। प्लास्टिक प्रदूषण फैलाने वाले अन्य सबसे बड़े शहर नयी दिल्ली, लुआंडा, अंगोला, कराची, (पाकिस्तान) और अल काहिरा (मिस्र) हैं।

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प्लास्टिक का कचरा पैदा करने वाले टॉप के देश

प्लास्टिक कचरा पैदा करने में भारत दुनियाभर के देशों में सबसे आगे है और वहां हर साल एक करोड़ दो लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है, जो अन्य दो सबसे बड़े प्रदूषणकारी देशों नाइजीरिया और इंडोनेशिया द्वारा पैदा किए जाने कचरे के दोगुने से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि चीन इस मामले में चौथे स्थान पर है, लेकिन कचरे को कम करने में वह काफी प्रगति कर रहा है। अन्य शीर्ष प्लास्टिक प्रदूषक देश पाकिस्तान, बांग्लादेश, रूस और ब्राजील हैं।

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अमेरिका और ब्रिटेन का स्थान

अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार, भारत, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, रूस, और ब्राजील आठ देश दुनिया के आधे से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के लिए जिम्मेदार हैं। अध्ययन के अनुसार, 52,500 टन से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के साथ अमेरिका 90वें स्थान और लगभग 5,100 टन के साथ ब्रिटेन 135वें स्थान पर है।

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प्लास्टिक के कचरे से हर साल कितना प्रदूषण

हर साल इतना प्रदूषण होता है कि न्यूयॉर्क शहर के ‘सेंट्रल पार्क’ में प्लास्टिक कचरे का पहाड़ ‘एम्पायर स्टेट बिल्डिंग’ जितना ऊंचा हो सकता है। विशेषज्ञों को चिंता है कि इस अध्ययन में समग्र प्लास्टिक उत्पादन के बजाय प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया गया है जिसकी वजह से इसमें प्लास्टिक उद्योग को शामिल नहीं किया गया। उनका कहना है कि प्लास्टिक बनाने से बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैस निकलती है जो जलवायु परिवर्तन में भूमिका निभाती है।