आखिर क्यों घट रहा है भारत में धरती के नीचे का पानी, आने वाला समय होने वाला है कठिन
भारत के कई राज्यों में हर साल गर्मी के मौसम में सूखा देखने को मिलता है। मॉनसून में भी कहीं खूब बारिश होती है तो कहीं सूखा रह जाता है। कम बारिश के बाद लोग भूजल यानि कि धरती के नीचे के पानी पर निर्भर हो जाते हैं, लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे साफ हो जा रहा है कि भारत में धरती के नीचे का पानी लगातार कम हो रहा है। कई राज्यों में आने वाले समय में स्थिति खराब होने वाली है।
450 घन किलोमीटर भूजल घट गया
उत्तर भारत में साल 2002 से लेकर 2021 तक लगभग 450 घन किलोमीटर भूजल घट गया और निकट भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी मात्रा में और भी गिरावट आएगी। एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है।
किसने किया है अध्ययन
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गांधीनगर में सिविल इंजीनियरिंग और पृथ्वी विज्ञान के ‘विक्रम साराभाई चेयर प्रोफेसर’ और अध्ययन के मुख्य लेखक विमल मिश्रा ने बताया कि यह भारत के सबसे बड़े जलाशय इंदिरा सागर बांध की कुल जल भंडारण मात्रा का करीब 37 गुना है।
बारिश में कमी
अध्ययन के दौरान यह पता लगाया कि पूरे उत्तर भारत में 1951-2021 की अवधि के दौरान मानसून के मौसम (जून से सितंबर) में बारिश में 8.5 प्रतिशत कमी आई। इस अवधि के दौरान इस क्षेत्र में सर्दियों के मौसम में तापमान 0.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है।
भविष्य में होने वाली है और हालत खराब
हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के शोधार्थियों के दल ने कहा कि मानसून के दौरान कम बारिश होने और सर्दियों के दौरान तापमान बढ़ने के कारण सिंचाई के लिए पानी की मांग बढ़ेगी और इसके कारण भूजल पुनर्भरण में कमी आएगी, जिससे उत्तर भारत में पहले से ही कम हो रहे भूजल संसाधन पर और अधिक दबाव पड़ेगा।और पढ़ें
और घटेगा भूजल
जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून के दौरान बारिश की कमी और उसके बाद सर्दियों में अपेक्षाकृत तापमान अधिक रहने से भूजल पुनर्भरण में लगभग 6-12 प्रतिशत की कमी आने का अनुमान है।
सर्दी में ही हालत खराब
अध्ययन में यह भी पाया गया कि सर्दियों के दौरान मिट्टी में नमी में कमी आना पिछले चार दशकों में काफी बढ़ गई है, जो सिंचाई की बढ़ती मांग की संभावित भूमिका का संकेत देती है।
सर्दियों में भी बढ़ रहा तापमान
शोधार्थियों ने 2022 की सर्दियों में अपेक्षाकृत गर्म मौसम रहने के दौरान यह पाया कि मानसून के दौरान बारिश कम होने से फसलों के लिए भूजल की अधिक जरुरत पड़ती है और सर्दियों में तापमान अधिक होने से मिट्टी अपेक्षाकृत शुष्क हो जाती है, जिस कारण फिर से सिंचाई करने की आवश्यकता होती है।
एकनाथ शिंदे या फडणवीस कौन ज्यादा पढ़ा लिखा, जानें दोनों की डिग्रियां
मां बनने से पहले Kartik Aryan की को-स्टार Sonnalli Seygall ने कराया फोटोशूट, टाइट ड्रेस में दिखाया बेबी बंप
यशस्वी और केएल राहुल की जोड़ी ने पर्थ में लगाई रिकॉर्ड्स की झड़ी
इस शादी सीज़न खूब काम आएंगे ये 7 वायरल ट्रेंड्स.. आखिरी वाले की तो है छप्पर फाड़ डिमांड, आलिया-दीपिका भी हुई दीवानी मस्तानी
आंतों की गंदगी को खींच लेंगी सर्दियों की ये लाल सब्जी, बॉडी डिटॉक्स करने का रामबाण तरीका, खाते ही अंग-अंग होगा साफ
Majhawan Upchunav Result 2024: मझवां सीट पर खिला 'कमल', BJP की सुचिस्मिता मौर्य ने 4836 मतों से साइकिल को पछाड़ा
Katehari Upchunav Result 2024: कटेहरी में खिला कमल, BJP प्रत्याशी ने 34514 वोटों से लहराया परचम; सपा को मिल इतने वोट
भारत मोबिलिटी एक्सपो 2025 में लॉन्च होगी नई e Vitara, मारुति सुजुकी की पहली EV
ED मामले में मंजूरी की प्रति को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में दायर की नई याचिका
UP BY Election (upchunav) Results 2024: यूपी की 9 में से 7 सीटों पर खिला कमल, साइकिल दो सीटों पर सिमटी
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited