महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक को क्यों पहनाते थे 'हाथी की नकली सूंड', गहरा है राज

Fake Elephant Trunk on Horse Chetak: महाराणा प्रताप की वीर गाथाएं इतिहास में मशहूर हैं वहीं उनका घोड़ा चेतक (Horse Chetak) भी उतना ही प्रसिद्ध है, इतिहास में राणा प्रताप और चेतक के कई किस्से आज भी याद किए जाते हैं।

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'चेतक' का अलग ही स्थान

भारत के इतिहास में महाराणा प्रताप की जो भी वीर गाथाएं प्रचलित हुईं उनमें चेतक का अलग ही स्थान है, चेतक की फुर्ती के कारण ही कई युद्धों को बड़ी आसानी से जीता गया, महाराणा प्रताप के युद्ध कौशल और कूटनीति का लोहा मुगल भी मानते थे, इसी रणनीति में से एक थी महाराणा प्रताप का अपने घोड़े को हाथी का स्वरूप देना यानी युद्ध में घोड़े चेतक को 'हाथी की नकली सूंड' पहनाना

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​मुगलों को हराने के लिए कई तरह की रणनीति ​

महाराणा ने मुगलों को हराने के लिए कई तरह की रणनीति अपनायी थीं एक ये थी कि वो वह अपने घोड़े चेतक को हाथी की सूंड का मुखौटा पहनाते थे

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​घोड़े चेतक को हाथी की सूंड का मुखौटा​

महाराणा अपने घोड़े चेतक को हाथी की सूंड का मुखौटा इसलिए पहनाते थे जिससे दुश्मन को यह लगे कि वह हाथी पर युद्ध करने आ रहे हैं

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​ हाथी लेकर युद्ध लड़ने आ रहे हैं ​

इसलिए ऐसा किया जाता था ताकि दुश्मन को लगे कि वह हाथी लेकर युद्ध लड़ने आ रहे हैं इस रणनीति के कारण मुगलों की सेना पहले से ही भयभीत हो जाती थीं

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​जिससे दुश्मन भ्रम में रहें​

युद्ध में चेतक को हाथी की नकली सूंड इसलिए लगाई जाती थी जिससे दुश्मन भ्रम में रहें,उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में आज भी चेतक घोड़े का ये मुखौटा रखा है

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​हल्दीघाटी का युद्ध​

हल्दीघाटी के युद्ध की बात करें तो चेतक ने उसमें अनोखे कौशल का प्रदर्शन किया था जिसे आज भी याद किया जाता है, महाराणा चेतक को अपने बेटे की तरह प्यार करते थे