बाल-बाल बची धरती! वायुमंडल से टकराने के बाद आग का गोला बना एस्टेरॉयड

Asteroid Hitting Earth: पृथ्वी के लिए हमेशा से एस्टेरॉयड, जिन्हें क्षुद्रग्रह भी कहा जाता है, खतरनाक रहे हैं। तभी तो लाखों साल पहले एक विशालकाय एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की वजह से डायनासोर विलुप्त हो गए थे। इस वजह से खगोलविद लगातार पृथ्वी के करीब आने वाली आसमानी वस्तुओं की निगरानी करते हैं। हाल ही में एक एस्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ और कैलिफोर्निया के तट से लगभग हजार किमी दूर आसमान में आग का गोला बनकर भट गया तो चलिए जानते हैं कि कब और कौन सा एस्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल हुआ है।

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पृथ्वी के वायुमंडल से कब टकराया एस्टेरॉयड?

पृथ्वी के वायुमंडल से एक तीन मीटर चौड़ा एस्टेरॉयड तेजी से टकराया और 22 अक्टूबर को देखते ही देखते आग का गोला बन गया। हालांकि, इस एस्टेरॉयड से कोई नुकसान तो नहीं हुआ, क्योंकि जमीन पर गिरने से पहले ही उसमें धमाका हो गया।

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क्या है एस्टेरॉयड का नाम?

A11dc6D (2024 UQ) नामक एस्टेरॉयड 21 अक्टूबर को कैलिफोर्निया के तट से लगभग हजार किमी दूर वायुमंडल में दाखिल हुआ। बता दें कि यह 10वीं बार है जब किसी एस्टेरॉयड के प्रभाव के बारे में पहले से भविष्यवाणी की गई थी।

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पहले भी टकरा चुका है एस्टेरॉयड

Asteroid towards Earth: इससे पहले फिलीपींस के आसमान में 5 सितंबर, 2024 को एक एस्टेरॉयड के भटने की घटना दर्ज की गई थी। हालांकि, मौजूदा एस्टेरॉयड की ऊर्जा फिलीपींस वाले एस्टेरॉयड की तुलना में कम थी।

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एस्टेरॉयड की सालाना होती है टक्कर

Asteroid Alert: बकौल नासा, रोजाना पृथ्वी पर 100 टन से ज्यादा धूल और रेत के आकार के कण आते हैं और साल में कम से कम एक बार एक कार के आकार जितना एस्टेरॉयड पृथ्वी के वायुमंडल से टकराता है। इस टकराव की वजह से एस्टेरॉयड आग के गोले में तब्दील हो जाता है और सतह पर गिरने से पहले ही जल जाता है।

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दक्षिण अफ्रीका में गिरा उल्कापिंड

दक्षिण अफ्रीका में अगस्त के माह में एक उल्कापिंड गिरा था जिसकी आवाज कई किमी तक सुनाई दी और भूकंप जैसा भी महसूस हुआ। दक्षिण अफ्रीका में 51 साल बाद ऐसा कुछ हुआ था। आखिरी बार 1973 में लिचटेनबर्ग में उल्कापिंड गिरा था।