सुदूर अंतरिक्ष में 'तितली' सहित दिखीं ये चीजें, ESA ने साझा किया ब्रह्मांड का दुर्लभ नजारा
European Space Agency: ब्रह्मांड हमेशा से खगोलविद समेत तमाम लोगों को चकित करता रहता है। यूं तो अनंत ब्रह्मांड के अनेकों रहस्य हैं, लेकिन कुछ रहस्यों से पर्दा उठाने में खगोलविदों को कामयाबी हासिल हुई है। इन्हीं में से एक रहस्य ब्रह्मांड की अचंभित करने वाली संरचनाएं हैं, जिन्हें हम नेबुला के नाम से जानते हैं। धूल और गैस के मिश्रण से बनने वाली आकृत्तियां अलग-अलग ढंग की होती हैं। कभी अंतरिक्ष में केकड़ा दिखाई देता है तो कभी नेबुला तितली जैसे प्रतीत होते हैं तो चलिए यूरोपीय स्पेस एजेंसी द्वारा कैद किए गए ब्रह्मांड की दुर्लभ नजारों को देखते हैं।
मंत्रमुग्ध करने वाला ब्रह्मांडीय नजारा
Cosmos Rare Picture's: यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने हबल स्पेस टेलीस्कोप सहित अन्य टेलीस्कोप की मदद से कैप्चर की गई दुर्लभ ब्रह्मांडीय वस्तुओं की तस्वीरें साझा की हैं, जिसमें नेबुला से लेकर स्टार क्लस्टर तक शामिल हैं। (फोटो साभार: ESA)
तितलीनुमा संरचना वाला नेबुला
Butterfly Nebula: बटरफ्लाई नेबुला, जिसे एनजीसी 6302 के नाम से भी जाना जाता है, देखने में भले ही नाजुक प्रतीत हो रहे हैं, लेकिन इसके पंख 20,000 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होते हैं और लगभग 10 लाख किमी प्रति घंटे की गति से फैलते हैं! इस नेबुला के केंद्र में एक मरता हुआ तारा है, जिसका द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान से पांच गुना ज्यादा है। (फोटो साभार: ESA)
पिस्मिस 24 स्टार क्लस्टर
Pismis 24 Star Cluster: पिस्मिस 24 स्टार क्लस्टर हमारी घरेलू मिल्की-वे आकाशगंगा के कुछ सबसे भारी तारों की मेजबानी करता है, जो एनजीसी 6357 नामक नेबुला में मौजूद है। इन दिग्गन तारों से निकलने वाली तीव्र यूवी विकिरण की वजह से आसपास की गैस रोशन हो रही है, जिससे एक ब्रह्मांडीय बुलबुला बनता है। (फोटो साभार: ESA)
NGC 6380 ग्लोबुलर क्लस्टर
NGC 6380 Globular Cluster: NGC 6380 ग्लोबुलर क्लस्टर एक तारकीय अवशेष है, जो पृथ्वी से लगभग 35,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। यह डन 538 और टोनेंटजिंटला 1 सहित विभिन्न नामों से जाना जाता है, जिसे पहली बार 1826 में देखा गया था। (फोटो साभार: ESA)
NGC 6153 ग्रहीय नेबुला
NGC 6153 Planetary Nebula: एनजीसी 6153 ग्रहीय नेबुला पृथ्वी से लगभग 4,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है, जो सूर्य जैसे तारे के अवशेषों से निर्मित हुआ है और देखने में नीले धुंध सा प्रतीत होता है। एनजीसी 6153 का अंडाकार रूप लूप और फिलामेंट से बना हुआ है। (फोटो साभार: ESA)
आणविक बादल L1527
Molecular Cloud L1527: एल1527 नामक आणविक बादल पृथ्वी से लगभग 460 प्रकाश वर्ष दूर वृषभ तारामंडल में स्थित है, जो ब्रह्मांडीय रसायन विज्ञान से भरा हुआ है। इसकी नीली और तंतुमय संरचनाएं पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन नामक कार्बनिक यौगिकों से बनी हैं, जबकि लाल केंद्र गैस और धूल का एक ऊर्जावान बादल है और सफेद क्षेत्र PAHs, आयनित गैस और अन्य अणुओं का मिश्रण है! (फोटो साभार: ESA)
उत्तराखंड का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन कौन सा है?
Nov 13, 2024
मिलिए Ritika Tirkey से, जो फर्राटे से दौड़ा रही वंदे भारत, बनीं पहली ट्राइबल असिस्टेंट लोको पायलट
IPL 2025 मेगा ऑक्शन में CSK इस खिलाड़ी को RTM के जरिए वापस खरीदेगी
CISF में महिला बटालियन का गठन, SPG और NSG की तरह लेडी कमांडो करेंगी VIP की सुरक्षा
Dev Deepawali 2024: दीयों से जगमगा उठती भगवान शिव की नगरी काशी, जानिए क्यों खास है देव दीपवाली
ट्रंप बनाम पुतिन कार कलेक्शन, देखें गाड़ियों के मामले में कौन पड़ा भारी
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited