पृथ्वी जैसी बनावट वाले ये हैं पांच एक्सोप्लैनेट, कोई चचेरा तो कोई है जुड़वां भाई
Earth like Exoplanet's: साल 1995 में सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा करने वाले पहले एक्सोप्लैनेट की खोज हुई थी और उसके बाद से वैज्ञानिकों ने अबतक 5,000 से अधिक दूरस्थ ग्रहों यानी बाह्यग्रहों (Exoplanet) को खोजा है, जिनमें से ज्यादातर बाह्यग्रहों को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के केपलर स्पेस टेलीस्कोप की मदद से खोजा गया है, जिसने 2009 में लॉन्च के बाद से 2018 तक अपनी सेवाएं दीं। बता दें कि बाह्यग्रहों में कुछ ऐसे ग्रह भी शामिल हैं, जिनका आकार, बनावट, रंग-रूप पृथ्वी के एकदम समान है तो चलिए आज विस्तार से ऐसे ही पांच बाह्यग्रहों के बारे में जानते हैं जिन्हें पृथ्वी का चचेरा या तो जुड़वां भाई कहा जाता है।
बाह्यग्रह क्या हैं?
What is Exoplanets: एक्सोप्लैनेट, जिन्हें बाह्यग्रह भी कहा जाता है, हमारे सौरमंडल के परे ग्रहों को बाह्यग्रह कहा जाता है। आसान भाषा में कहें तो हमारे सौरमंडल में मौजूद ग्रहों के अलावा ब्रह्मांड में जितने भी ग्रह हैं, वो सभी बाह्यग्रह कहलाते हैं। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
ग्लिसे 667सीसी
Gliese 667Cc: पृथ्वी से महज 22 प्रकाश वर्ष दूर एक ऐसा बाह्यग्रह है, जो हमारी धरती से कम से कम साढ़े चार गुना बड़ा है। इस बाह्यग्रहों का नाम ग्लिसे 667सीसी है। इस बाह्यग्रह को अपने मेजबान तारे की परिक्रमा करने में 28 दिन का समय लगता है, लेकिन इसका तारा हमारी सूर्य की तुलना में काफी ठंडा है। आसान शब्दों में कहें तो यह एक लाल बौने की परिक्रमा करता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)और पढ़ें
केप्लर-22बी
Kepler-22b: पृथ्वी से लगभग 600 प्रकाश वर्ष दूर केप्लर-22बी अपने मूल तारे के रहने योग्य क्षेत्र में पाया जाने वाला बाह्यग्रह है, लेकिन वह पृथ्वी से काफी बड़ा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह चट्टानी, तरल या फिर गैसीय ग्रह है। यह ग्रह हमारे सूर्य की ही तरह जी टाइप के तारे की परिक्रमा करता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)और पढ़ें
केप्लर-69सी
Kepler-69c: पृथ्वी से लगभग 70 फीसद बड़ा केप्लर-69सी नामक बाह्यग्रह लगभग 2,700 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है, जो अपने तारे की 242 दिन में एक बार परिक्रमा पूरी करता है, जिसकी वजह से यह हमारे सौरमंडल में स्थित पृथ्वी के जुड़वां बहन यानी शुक्र के समान स्थिति में नजर आता है। साथ ही केप्लर-69सी जीवन योग्य क्षेत्र में रहने लायक प्रतीत होता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)और पढ़ें
केप्लर-452बी
Kepler-452b: केप्लर-452बी पृथ्वी के आकार का पहला ग्रह है, जो हमारे सूर्य जैसे तारे की परिक्रमा करता है। इसे 'पृथ्वी का चचेरा भाई' भी कहा जाता है। बकौल नासा, केप्लर-452बी की खोज 2015 में हुई थी, जो रहने योग्य क्षेत्र में रहकर अपने तारे के चारों ओर घूमता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)
प्रॉक्सिमा सेंटॉरी बी
Proxima Centauri b: नासा के मुताबिक, प्रॉक्सिमा सेंटॉरी बी नामक बाह्यग्रह पृथ्वी से महज चार प्रकाश वर्ष दूर स्थित है, जिसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 1.27 फीसद है। हालांकि, यह ग्रह अत्यधिक पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह अपने मूल तारे के बेहद करीब स्थित है और महज 11.2 दिनों में उसकी परिक्रमा कर लेता है। (प्रतीकात्मक तस्वीर)और पढ़ें
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