जिस स्पेस स्टेशन पर हैं सुनीता उसके कमजोर होने लगे पुर्जे; इतने साल में हो जाएगा तबाह

​International Space Station: भारतीय-अमेरिकी सुनीता विलियम्स जिस स्पेस स्टेशन पर फंसी हुई हैं उसका ढाचा कमजोर हो गया है और उसमें रिसाव और दरारों की संख्या 50 से ज्यादा हो गई है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं पृथ्वी से लगभग 421 किमी ऊपर मौजूद अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) की। जहां पर सुनीता विलियम्स जून के पहले सप्ताह से मौजूद हैं और उन्हें फरवरी 2025 में सुरक्षित पृथ्वी पर लाने की तैयारियां चल रही है। इस बीच, जानेंगे कि आखिर कबतक आईएसएस पृथ्वी की कक्षा में मौजूद रहेगा।

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अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन

साल 1998 में लॉन्च किया गया अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) अंतरिक्ष में मौजूद नासा, रोस्कोस्मोस, ईएसए, कनाडा सहित कई अंतरिक्ष एजेंसियों का एक घर है। हालांकि, 1998 में महज रूस मॉड्यूल जार्या की लॉन्चिंग हुई थी, लेकिन पृथ्वी की परिक्रमा करने में उसे दो साल का समय लग गया।

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बाथरूम से लेकर जिम तक सबकुछ है मौजूद

आईएसएस नवंबर 2000 से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है जिसकी लंबाई एक अमेरिकी फुटबॉल फील्ड के बराबर है जिसमें रहने के लिए छह शयन कक्ष, दो बाथरूम, एक जिम और 360 डिग्री घूमने वाली खिड़की है।

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कहां मौजूद है आईएसएस

आईएसएस, धरती से लगभग 421 किमी की ऊंचाई पर पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है, जो महज 90 मिनट में पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है। ऐसे में एक दिन में आईएसएस पृथ्वी की 16 बार परिक्रमा करता है।

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सूर्योदय और सूर्यास्त

आईएसएस हर डेढ़ घंटे में पृथ्वी का एक चक्कर लगाता है जिसकी वजह से ISS में मौजूद अंतरिक्ष यात्री एक दिन में 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त का अद्भुत नजारा देख सकते हैं।

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तबाह हो जाएगा आईएसएस

आईएसएस के पुर्जे कमजोर पड़ते जा रहे हैं और ऐसे में जल्द ही यह अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच जाएगा। बता दें कि आईएसएस को आगामी छह सालों के भीतर ही बंद कर दिया जाएगा और इसे सुरक्षित तरीके से प्रशांत महासागर में गिराया जाएगा।

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वैज्ञानिक शोध का घर

17,500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में तैर रहे आईएसएस में वैज्ञानिकों ने अनेक बीमारियों के इलाज की खोज, दूसरे ग्रहों में एलियन जीवन के संकेत और जलवायु परिवर्तन से जुड़ी रिसर्च की।