चंदामामा के करीब जाकर वहीं से नजर रखेगा ISRO, बनेगा मून स्पेस स्टेशन

Space Station: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और चीन की स्पेस एजेंसी CNSA को पछाड़ने वाली एक दमदार योजना तैयार की है। स्पेस स्टेशन का जिक्र होते ही अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) और तियांगोंग स्पेस स्टेशन की बात होने लगती है, क्योंकि अंतरिक्ष में यही दो स्पेस स्टेशन मौजूद हैं, जो धरती की परिक्रमा कर रहे हैं।

अंतरिक्ष में चलेगा भारत का जादू
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अंतरिक्ष में चलेगा भारत का जादू

दुनिया एक बार फिर से अंतरिक्ष जगत में भारत की ताकत देखने वाली है। भारत एक नहीं, बल्कि दो स्पेस स्टेशन बनाएगा। एक स्पेस स्टेशन पृथ्वी की परिक्रमा करेगा तो दूसरा चंद्रमा की। इसी के साथ ही मून स्पेस स्टेशन बनाने वाला भारत पहला देश बन जाएगा। (फोटो साभार: Co-Pilot AI Image)

मून स्पेस स्टेशन कब तक होगा लॉन्च
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मून स्पेस स्टेशन कब तक होगा लॉन्च?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भारत 2040 तक मून स्पेस स्टेशन को लॉन्च करने की समयसीमा निर्धारित की है, जो चंद्रमा की सतह पर मानवयुक्त मिशनों में मददगार साबित हो सकता है। (फोटो साभार: Co-Pilot AI Image)

चंद्रयान-4 के बाद मून स्पेस स्टेशन की तैयारी
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चंद्रयान-4 के बाद मून स्पेस स्टेशन की तैयारी

इसरो चंद्रयान-4 की तैयारी में जुटा हुआ है जिसके बाद भारत का पहला मानवयुक्त चंद्र मिशन लॉन्च किया जाएगा जिसके साथ मून स्पेस स्टेशन को लॉन्च करने की योजना बनाई गई है। (फोटो साभार: ISRO)

चंद्रयान-4 मिशन
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चंद्रयान-4 मिशन

अगर सबकुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-4 मिशन को 2028 तक लॉन्च किया जा सकता है। इस मिशन का मकसद न सिर्फ चांद की सतह पर उतरना है, बल्कि दक्षिणी ध्रुव से नमूने एकत्रित कर धरती पर वापस लौटना है। (फोटो साभार: ISRO)

24 घंटे नजर रख सकेंगे एस्ट्रोनॉट्स
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24 घंटे नजर रख सकेंगे एस्ट्रोनॉट्स

रोबोटिक मिशन के बाद इसरो भारतीय एस्ट्रोनॉट्स को चांद पर उतारेगा, जबकि अंतिम चरण में चंद्रमा की परिक्रमा करने वाले स्पेस स्टेशन को तैयार किया जाएगा, जहां पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स 24 घंटे चांद की निगरानी कर सकेंगे। (फोटो साभार: iStock)

भारतीय स्पेस स्टेशन BAS
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भारतीय स्पेस स्टेशन (BAS)

बीएएस दुनिया का तीसरा स्पेस स्टेशन होगा। भारत सरकार ने बीएएस के पहले मॉड्यूल BAS-1 के विकास को सितंबर में ही मंजूरी दे दी थी। ऐसे में इसे 2028 तक पृथ्वी की निचली कक्षा में लॉन्च किया जा सकता है और पूरा स्टेशन 2035 तक चालू हो जाएगा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

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