दुनिया को अरबपति बना सकता है ये एस्टेरॉयड; मौजूद है सोना ही सोना!
Asteroids: हमारी पृथ्वी के लिए एस्टेरॉयड को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। तभी तो आए दिन एस्टेरॉयड या कहें क्षुद्रग्रह का अलर्ट जारी होता है, लेकिन आज हम साल 1852 में खोजे गए एक ऐसे एस्टेरॉयड की बात करेंगे, जो महंगी धातुओं का विशालकाय भंडार है। इस एस्टेरॉयड का नाम 16 साइकी है जिसका निर्माण मुख्य रूप से निकेल और आयरन से हुआ है और जिसमें सोना, प्लैटिनम सहित अन्य कीमती धातुएं मौजूद हो सकती हैं।
16 साइकी एस्टेरॉयड
16 Psyche नामक एस्टेरॉयड मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, 16 साइकी की सतह पर पृथ्वी के कोर के समान निकेल और आयरन हो सकता है।
कहां है 16 साइकी एस्टेरॉयड
16 साइकी एस्टेरॉयड अंतरिक्ष में मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित क्षुद्रग्रह बेल्ट (Asteroid Belt) में मौजूद है, जहां पर अन्य एस्टेरॉयड और सौरमंडल के अवशेष भ्रमण कर रहे हैं।
16 साइकी क्यों है खास?
आमतौर पर एस्टेरॉयड पत्थर के बने होते हैं, लेकिन 16 साइकी कीमती धातुओं से बना हुआ है। 16 साइकी एस्टेरॉयड सोना, प्लैटिनम जैसी कीमती धातुओं से भरपूर है। अगर इस एस्टेरॉयड की कीमत लगाई जाए तो पृथ्वी पर मौजूद हर एक व्यक्ति अरबपति बन सकता है।
कितनी है कीमत?
आलू की तरह दिखने वाले 16 साइकी एस्टेरॉयड को अगर किसी तरह से पृथ्वी पर लाया जाए तो उसकी कीमत 10,000 क्वाड्रिलियन डॉलर से अधिक होगी।
कब हुई थी खोज
16 साइकी एस्टेरॉयड की खोज 17 मार्च, 1852 में इटली के खगोलविद एनीबेल डी गैस्पारिस ने की थी। बता दें कि अधिकांश एस्टेरॉयड चट्टान या फिर बर्फ के बने होते हैं, लेकिन 16 साइकी एक धातु निकाय है।
कैसे मिला साइकी नाम?
1852 में खोजे गए इस एस्टेरॉयड का नाम ग्रीक की प्राचीन आत्मा की देवी साइकी के नाम पर रखा गया था। साथ ही यह वैज्ञानिकों की ओर से खोजा गया 16वां एस्टेरॉयड था। जिसकी वजह से इसे 16 साइकी नाम मिला।
वैज्ञानिक कर रहे रिसर्च
16 साइकी एस्टेरॉयड का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों ने साल 2023 में 'साइकी मिशन' लॉन्च किया था।
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