दुनिया को लुभा रहा साल 2024 का आखिरी सुपरमून, जानें बीवर मून की असल कहानी
Supermoon 2024: साल 2024 का आखिरी सुपरमून अलविदा कहने को दहलीज पर खड़ा है। इसके बाद पूर्णिमा (Full Moon) तो होगी, लेकिन सुपरमून नहीं दिखाई देगा। बीवर मून साल 2024 का आखिरी और चौथा सुपरमून है। अमेरिका, जापान, फिलीपींस सहित कई देखों में बेहद चमकीला चांद दिखाई दिया और भारत में भी लोगों ने 'टकटकी' लगाकर सुपरमून का दीदार किया जिन लोगों ने अभी बीवर मून को नहीं देखा है तो देर न करें, क्योंकि एक साल बाद फिर बीवर मून दिखाई देगा।
आखिरी और चौथा सुपरमून
Last Supermoon: इस बार कार्तिक पूर्णिमा को ही आखिरी सुपरमून का दिलकश नजारा दिखाई दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुपरमून 15-16 नवंबर की रात को नजर आने वाला है। इसका मतलब साफ है कि अगर आप लोगों ने अभी सुपरमून नहीं देखा है तो आज इसे मिस न करें। (फोटो साभार: एपी)
बीवर मून क्या है?
Beaver Moon: सर्दियां आ चुकी हैं और आसमान में पूरा चांद भी दिखाई दे रहा है। नवंबर माह में दिखने वाला पूरा चांद यानी फुल मून ही बीवर मून के नाम से जाना जाता है। (फोटो साभार: एपी)
कैसे मिला अनोखा नाम?
Beaver Moon 2024: नवंबर में दिखने वाले चांद को ही बीवर मून कहा जाता है। चांद को यह नाम इसलिए मिला, क्योंकि इन दिनों बीवर भीषण ठंड की तैयारियों में जुट जाते हैं। दरअसल, बीवर सर्दियों के लिए खाना एकत्रित करते हैं और अपने घरों को सुरक्षित और मजबूत बनाते हैं। (फोटो साभार: एपी)
बीवर मून की असल कहानी
Beaver Moon History: बीवर मून की मूल जड़ें अमेरिका में दिखाई देती है। माना जाता है कि 1500 से 1800 के दशक तक उत्तरी अमेरिका में फर का व्यापार तेजी से फला फूला और नवंबर का महीना मोटे कोट के लिए बीवर को पकड़ने का होता था। रात के वक्त चमकीले चांद की वजह से बीवर को फंसाना आसान होता है। इस कारण नवंबर के चांद को बीवर मून नाम मिला। (फोटो साभार: एपी)और पढ़ें
भारत में कब दिखेगा सुपरमून
Full Moon: भारत में 16 नवंबर को सुपरमून दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार सुपरमून 2.58 बजे से दिखाई देगा। हालांकि, सूर्यास्त के बाद चांद दिखने लगेगा, लेकिन सबसे बढ़िया नजारा रात को दिखने वाला है। जब चांद लगभग आधे घंटे तक बड़ा और चमकीला नजर आएगा। (फोटो साभार: एपी)
कैसे देखें अद्भुत नजारा
हल्की ठंड और प्रदूषण की वजह से इन दिनों आसमान साफ नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में किसी ऐसे स्थान पर जाइये जहां से आसमान एकदम साफ दिख रहा हो और तारे टिमटिमा रहे हो। इसके बाद खुली आंखों से आप सुपरमून का दीदार कर सकेंगे। (फोटो साभार: एपी)
क्या होता है सुपरमून?
सुपरमून तब होता है जब चांद अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे ज्यादा नजदीक होता है। धरती के बेहद निकट होने की वजह से चांद सामान्य दिनों की तुलना में बड़ा और ज्यादा चमकीला नजर आता है। धरती के बेहद करीब जिस जगह पर चांद होता है उस जगह के पेरिजी कहा जाता है। (फोटो साभार: एपी)
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