धूमकेतु क्या होते हैं? कहां से आते हैं लंबी पूंछ वाले 'शैतान'; क्या इनका है कोई अलग जहान
Comet: अनंत ब्रह्मांड में असंख्य पिंड घूम रहे हैं जिनमें छोटे और बड़े दोनों तरह के पिंड शामिल हैं। इन पिंडों में कुछ उल्कापिंड तो कुछ धूमकेतु होते हैं, लेकिन असल में धूमकेतु आते कहां से हैं? पिछले कुछ दिनों से 'शैतान' धूमकेतु कौतुहल का विषय बना हुआ है, क्योंकि यह जीवनकाल में एक ही बार दिखाई देता है। ऐसा कहा जा रहा है कि 80 साल बाद यह धूमकेतु नजर आया है और इसे हाल के दिनों में कई बार कैप्चर भी किया जा चुका है।
धूमकेतु क्या हैं?
धूमकेतु, जिन्हें अंग्रेजी भाषा में Comet कहा जाता है, हमारे सौरमंडल के निर्माण का बचा हुआ मलबा है, जो पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने होते हैं और सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
चमकदार धूमकेतु
धूमकेतु जब सूर्य के करीब आते हैं तो इनकी सतह पर मौजूद बर्फ और गैस वाष्पित हो जाती है जिसकी वजह से धूमकेतु चमकदार और लंबी पूछ वाला नजर आता है।
कहां से आते हैं धूमकेतु?
ऐसा माना जाता है कि धूमकेतु नेपच्यून से परे बर्फीले पिंडों की डिस्क, जिसे कुइपर बेल्ट कहते हैं, वहां से आते हैं। इनका रास्ता लंबा और अंडाकार होता है।
सूर्य की परिक्रमा करने में कितना समय लगता है?
धूमकेतु को सूर्य का चक्कर लगाने में हजारों साल का समय लग जाता है। कुछ मामलों में तो समय लाखों सालों का भी हो सकता है। हालांकि, यह इस बार पर भी निर्भर करता है कि धूमकेतु लघु अवधि का है या दीर्घ।
धूमकेतु का कैसे होता है नामकरण
धूमकेतु के नामकरण की प्रक्रिया बेहद मुश्किल है। आम तौर पर खोजकर्ता के नाम पर ही धूमकेतु का नाम रखा जाता है।
मंद होता धूमकेतु
धूमकेतु जब सूर्य की परिक्रमा करते हुए दूर चला जाता है तो उसकी चमक कम होने लगती है और इनकी पूंछ छोटी या कम नजर आती है।
नए धूमकेतु की हुई खोज
एटलस के अलावा आसमान में C/2024 S1 नामक धूमकेतु की खोज हुई है। C/2024 S1 की चमक 24 से 28 अक्टूबर के बीच चरम पर होगी। ऐसे में सूर्योदय से पहले इसे देखा जा सकता है।
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान को दिया जोर का झटका
यूपी में TGT और PGT टीचर की बंपर वैकेंसी जल्द, जानें कितनी होगी सैलरी
मूलांक 3 वालों में क्या अच्छा-क्या बुरा, जानें
Stars Spotted Today: 'पुष्पा 2' के इवेंट में साथ दिखे रश्मिका-अल्लू, अमिताभ बच्चन के कूल लुक ने लूटी लाइमलाइट
अंकल ने फॉर्च्यूनर के इस टैंक में डाला वोदका, कारण जान कहेंगे ‘उस्ताद’
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited