अनंत ब्रह्मांड कितना पुराना है? क्या ब्रह्मांड का है कोई आखिरी छोर, जानें
Universe Edge: हम सभी एक चीज से वाकिफ हैं कि ब्रह्मांड का लगातार विस्तार हो रहा है और अगर आपको इसकी जानकारी नहीं थी तो अब आपको पता चल गया है। हम एक फैलते हुए ब्रह्मांड में रह रहे हैं। हर एक आकाशगंगा हर दूसरी आकाशगंगा से दूर जा रही है और हम इन्हीं में से एक आकाशगंगा, जिसे मिल्की-वे कहा जाता है, में मौजूद सोलर सिस्टम के एक ग्रह पृथ्वी में रहते हैं तो चलिए आज जानते हैं कि ब्रह्मांड कितना पुराना है और ब्रह्मांड का आखिर छोर क्या है भी या नहीं?
अचंभित करता अनंत ब्रह्मांड
ब्रह्मांड हमारी कल्पनाओं से भी कहीं ज्यादा बड़ा है और लगातार इसका विस्तार हो रहा है। खगोलविद अभी तक अचंभित हैं कि उनके द्वारा खोजे गए ब्रह्मांड से परे भी कोई दुनिया है या नहीं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी इरविन की खगोलविद वर्जीनिया ट्रिम्बल कहती हैं कि ब्रह्मांड हमेशा से ही उससे बड़ा रहा है जिसे हम देख सकते हैं। और पढ़ें
ब्रह्मांड का आखिरी छोर कहां है?
अगर ब्रह्मांड का आकार अनंत है और लगातार ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है तो आपको यह सोचने की जरूरत ही नहीं है कि ब्रह्मांड का आखिरी छोर कहां है। अनंत ब्रह्मांड का कोई किनारा नहीं है, इसलिए इसके बाहर शायद ही कोई ऐसी चीज या दुनिया हो, जिसका बारे में बात की जा सके।
कितना पुराना है ब्रह्मांड?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई? दरअसल, 13.8 अरब साल पहले बिग बैंग से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई और देखते ही देखते आकाशगंगाओं, ग्रहों, ब्लैक होल और अन्य खगोलीय पिंडों का निर्माण हुआ।
ब्रह्मांड का आकार कैसा है?
सापेक्षता के सिद्धांत के मुताबिक, ब्रह्मांड तीन में से किसी एक में रूप में हो सकता है। पहला- कागज की सीट की तरह समतल हो सकता है, दूसरा- गोले की तरह या तीसरा- घोड़े की पीठ पर बांधे जाने वाले सैडल की तरह हो सकता है।
कितना है ब्रह्मांड का आकार?
खगोलविदों का अनुमान है कि ब्रह्मांड का आकार कम से कम 96 अरब प्रकाश वर्ष है या संभवत: इससे भी बड़ा है। यदि ब्रह्मांड अनंत नहीं है और उसका कोई छोर है तो एक थ्योरी कहती है कि उसे पार करने के बाद हम एक अलग ही ब्रह्मांड में पहुंच जाएंगे।
डार्क मैटर और डार्क एनर्जी का रहस्य
अंतरिक्ष का 95 फीसद हिस्सा डार्क मैटर और डार्क एनर्जी से मिलकर बना है जिसमें 68 फीसद हिस्सा डार्क एनर्जी और 27 फीसद डार्क मैटर की हिस्सेदारी है, जबकि शेष बचे 5 फीसदी हिस्से में ग्रह, तारे और अन्य पिंड शामिल हैं। खगोलविदों का मानना है कि डार्क मैटर और डार्क एनर्जी ही एक ऐसी कड़ी है जिसने पूरे ब्रह्मांड को आपस में जकड़ रखा है।और पढ़ें
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