Cold Moon के साथ साल को कहें अलविदा, पर Wolf Moon कर रहा आपका इंतजार; जानें कब और कहां करें दीदार

Year’s First Full Moon: 2024 का आखिरी चांद अलविदा कहने को है और 2025 का पहला चांद आपका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। कोल्ड मून 2024 को देखने का समय तो आ गया है। हर साल दिसंबर में कोल्ड मून नजर आता है और इसी माह कड़ाके की ठंड भी पड़ती है। आमतौर पर कोल्ड मून साल की सबसे लंबी रात के आसपास दिखाई देता है, लेकिन 2025 के पहले चांद यानी वोल्फ मून को कब और कहां देखना है? यह भी जान लीजिए।

चांद का इंतजार
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चांद का इंतजार

वो चांद कह के गया था कि आज निकलेगा, तो इंतजार में बैठा हुआ हूं शाम से मैं... फ़रहत एहसास का ये शेर आप लोगों ने सुना होगा, लेकिन हम आपसे इंतजार नहीं कराएंगे, क्योंकि हम कोल्ड मून के बारे में तो बताएंगे ही, पर साल का पहला चांद कब अपनी छटा बिखेरेगा? हम उसके बारे में भी आपको बताएंगे।

2024 का आखिरी चांद
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2024 का आखिरी चांद

Cold Moon 2024: साल के आखिरी माह दुनिया कोल्ड मून देखेगी। आप लोगों ने फुल मून, सुपरमून, हंटर मून, बीवर मून देखें होंगे, लेकिन दिसंबर में कोल्ड मून नजर आता है और इसी माह कड़ाके की ठंड भी पड़ती है। आमतौर पर कोल्ड मून साल की सबसे लंबी रात के आसपास दिखाई देता है।

कोल्ड मून का करें दीदार
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कोल्ड मून का करें दीदार

साल के आखिरी पूर्ण चांद, जिसे कोल्ड मून कहा जाता है, 15 दिसंबर को लगभग 4:02 मिनट पर नजर आएगा। इस दौरान कोल्ड मून अपने चरम पर होगा। कोल्ड मून को लॉन्ग नाइट्स मून और यूल से पहले का चांद भी कहा जाता है।

कहां चमकेगा कोल्ड मून
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कहां चमकेगा कोल्ड मून?

पूर्णिमा की रात को हमारा चंद्रमा ऑरिगा नक्षत्र में कैपेला के नीचे और ओरियन नक्षत्र में बेतेलगेस के ऊपर चमकेगा और इसके दाईं ओर बृहस्पति ग्रह नजर आएंगे।

साल का पहला चांद
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साल का पहला चांद

Wolf Moon 2025: कोल्ड मून तो अलविदा कहने के लिए तैयार है, लेकिन वोल्फ मून मुस्कुराते हुए आपका इंतजार कर रहा है। दरअसल, साल के पहले पूर्ण चांद को वूल्फ मून का नाम दिया गया है, क्योंकि साल की शुरुआत में भेड़िये सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं।

कब होगा Wolf Moon का दीदार
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कब होगा Wolf Moon का दीदार

वोल्ड मून 14 जनवरी को 3 बजकर 56 मिनट पर नजर आएगा। इस दिन वोल्फ मून चरम पर होगा। बता दें कि एंग्लो-सैक्सन संस्कृति में जनवरी माह की पूर्णिमा को यूल के बाद का चांद भी कहा जाता है। दरअसल, यूल प्राचील शीतकालीन संक्रांति त्योहार है, जो आमतौर पर 21 दिसंबर के आसपास मनाया जाता है।

चांद को क्यों मिला भेड़ियों वाला नाम
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चांद को क्यों मिला भेड़ियों वाला नाम

भेड़िये लंबी दूरी तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए चीखते हैं। इसके जरिए वह झुंड के अन्य सदस्यों को यह बताने की कोशिश करते हैं कि वह कहां पर हैं या फिर आसपास कोई खतरा है। हालांकि, भेड़ियों से चंद्रमा का कोई खास लेना देना नहीं है, लेकिन भेड़िये निशाचर जानवर हैं और रात में ज्यादा सक्रिय होते हैं।

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