दुनिया का पहला रॉकेट, जो अंतरिक्ष में नहीं होगा गायब, धरती पर लौट आएगा सुरक्षित
आज के समय में जो रॉकेट अंतरिक्ष मिशनों के लिए प्रयोग होता है, वो सिंगल यूज होता है, मतलब एक बार रॉकेट छूटा तो वो वापस नहीं आता है। आकाश में जाकर गायब हो जाता है, नष्ट हो जाता है। लेकिन अब एक ऐसा रॉकेट बना लिया गया है, जिसका बार-बार इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह रॉकेट आसमान में जाकर गायब नहीं होता है, बल्कि धरती पर वापस आ जाता है। हम बात कर रहे हैं एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के रॉकेट स्टारशिप की। जिसका सफल परीक्षण हो चुका है।
अब आकाश में गायब नहीं होगा रॉकेट
स्पेसएक्स ने जो रॉकेट बनाया है, वो काफी बलशाली है। अबतक के उलट स्टारशिप रॉकेट को कई बार यूज किया जा सकता है। इसे बार-बार अंतरिक्ष मिशनों में प्रयोग किया जा सकेगा। यह आसानी से मंगल और चांद तक पहुंच सकता है। स्टारशिप पूरी तरह से पुनः उपयोग योग्य अंतरिक्ष यान है। रॉकेट को लॉन्च लागत को कम करने के लिए पूरी तरह से पुन: प्रयोज्य होने के लक्ष्य के साथ डिज़ाइन किया गया है। इसमें सुपर हैवी फर्स्ट-स्टेज बूस्टर और स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट शामिल हैं जो रैप्टर और रैप्टर वैक्यूम इंजन द्वारा संचालित होते हैं।
स्टारशिप में दो सिस्टम
स्पेसएक्स का स्टारशिप में एक अंतरिक्ष यान और एक सुपर हेवी रॉकेट सिस्टम है - जिसे सामूहिक रूप से स्टारशिप कहा जाता है। इसे चालक दल और कार्गो दोनों को पृथ्वी की कक्षा, चंद्रमा, मंगल और उससे आगे ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। स्टारशिप दुनिया का अब तक का सबसे शक्तिशाली लॉन्च वाहन है, जो 150 मीट्रिक टन से भी ज्यादा का भार उठाने में सक्षम है।
कितना बड़ा है स्टारशिप
स्टारशिप दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट है और शक्तिशाली भी। इससे ज्यादा शक्तिशाली रॉकेट फिलहाल दुनिया में मौजूद नहीं है। स्टारशिप की हाईट 397 फीट है और डायमीटर 29.5 फिट है। इसकी पेलोड कैपिसिटी 100,000–150,000 किग्रा है। स्टारशिप अंतरिक्ष यान का वर्तमान ब्लॉक 1 50.3 मीटर (165 फीट) लंबा, 9 मीटर (30 फीट) व्यास का है, और इसमें 6 रैप्टर इंजन हैं, जिनमें से 3 बाहरी अंतरिक्ष में उपयोग के लिए अनुकूलित हैं।
किस चीज का बना है स्टारशिप
स्टारशिप स्टेनलेस स्टील से बना है जो फाल्कन हेवी में इस्तेमाल किए जाने वाले एल्यूमीनियम की तुलना में संभवतः सस्ता और काम करने में आसान है। स्टारशिप अंतरिक्ष यान के भविष्य के ब्लॉक 3 में पेलोड क्षमता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त 3 रैप्टर वैक्यूम इंजन लगाने की योजना है। स्टारशिप ब्लॉक 1 का पेलोड बे, जिसकी ऊंचाई 17 मीटर (56 फीट) और व्यास 8 मीटर (26 फीट) है, किसी भी सक्रिय या नियोजित लॉन्च वाहन का सबसे बड़ा है; इसका आंतरिक आयतन 1,000 m3 (35,000 घन फीट) है जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के दबाव वाले आयतन से थोड़ा बड़ा है।
कितनी गर्मी सह सकता है स्टारशिप
स्टारशिप की हीट शील्ड अठारह हज़ार हेक्सागोनल काली टाइलों से बनी है जो 1,400 °C (2,600 °F) के तापमान का सामना कर सकती है। इसे वायुमंडलीय प्रवेश के दौरान वाहन की सुरक्षा के लिए और उड़ानों के बीच न्यूनतम रखरखाव के साथ कई बार उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सिलिका-आधारित टाइलें पिन के साथ स्टारशिप से जुड़ी हुई हैं।
स्टारशिप की फ्यूल क्षमता
स्टारशिप की मुख्य टैंक और हेडर टैंक में कुल प्रणोदक क्षमता 1,200 टन (2,600,000 पाउंड) है।हेडर टैंक अपनी स्थिति के कारण बेहतर रूप से इन्सुलेटेड होते हैं और पुनः प्रवेश के बाद अंतरिक्ष यान को पलटने और लैंड करने के लिए उपयोग के लिए होते हैं। प्रतिक्रिया नियंत्रण थ्रस्टर्स का एक सेट, जो ईंधन टैंक में दबाव का उपयोग करता है, अंतरिक्ष में रहते हुए सिस्टम नियंत्रित करता है।
केट को वापस लाने का कारनामा कर चुका है स्पेसएक्स
स्पेसएक्स ने हाल में ही एक टेस्ट के दौरान वो कारनामा कर दिया है, जिसकी कल्पना भी कुछ साल पहले लोगों ने नहीं की थी। अभी तक जिसने भी रॉकेट हैं, वो एक बार लॉन्च हो गए तो हो गए, लॉन्चिंग के बाद रॉकेट को रोका नहीं जा सकता है। वो या तो नष्ट होगा या फिर अपने गंतव्य पर पहुंचेगा, लेकिन स्टारशिप के साथ ऐसा नहीं है। अगल लॉन्चिंग के बाद किसी कारणवश से इसे रोकना पड़ा तो ऐसा संभव है, स्टारशिप वापस उसी जगह पर लैंड कर जाएगा, जहां से उसे लॉन्च किया गया था।
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