महाभारत की 5 सबसे ताकतवर महिलाएं, बड़े-बड़े योद्धा भी नहीं काट पाते थे जिनकी बात

5 most powerful women of Mahabharata: जहां महाभारत काल में एक से बढ़कर एक पुरुष योद्धा थे तो वहीं उस दौर में कई महिला योद्धा भी थीं। जिनकी बात कोई नहीं टाल सकता था। इन महिलाओं की कही गई बात पत्थर की लकीर होती थी जिसे कोई मिटा नहीं सकता था। चलिए जानते हैं महाभारत की 5 सबसे पॉवरफुल महिलाओं के बारे में यहां।

इतिहास की 5 सबसे ताकतवर महिलाएं
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इतिहास की 5 सबसे ताकतवर महिलाएं

महाभारत काल में पुरुष योद्धा ही नहीं थे बल्कि कई महिला योद्धा भी थीं। जिन्होंने भले ही शस्त्र न उठाया हो लेकिन उन्होंने उस समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज यहां हम महाभारत की 5 सबसे शक्तिशाली महिलाओं के बारे में आपको बताएंगे।

द्रौपदी
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द्रौपदी

महाभारत युद्ध में द्रौपदी की अहम भूमिका थी। पांडवों ने अपनी पत्नी द्रौपदी के अपमान का बदला लेने के लिए ही कौरवों के साथ युद्ध करके उनका अंत किया। पांचों पांडव द्रौपदी से बहुत प्रेम करते थे और उनकी कही कोई बात कभी टालते नहीं थे। यही कारण है कि जब महाभारत युद्ध छिड़ा तो भीम ने दुशासन को मारकर उसके रक्त से द्रौपदी के केश धोकर उसके प्रण को पूरा किया।

गांधारी
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गांधारी

कौरवों की माता और राजा धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी ने भले ही अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी लेकिन उन्होंने धृतराष्ट्र की रानी बनकर सारा राजपाट संभाला। कहा जाता है कि गांधारी की किसी बात को कोई टाल नहीं सकता था। महाभारत युद्ध के समय गांधारी ने दुर्योधन के शरीर को अपनी शक्ति से वज्र का बना दिया था। अगर कृष्ण जी चाल नहीं चलते तो गांधारी से मिली शक्ति से दुर्योधन को हरा पाना असंभव था।

कुंती
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कुंती

कुंती शक्तिशाली ही नहीं बल्कि बहुत बुद्धिमान, दूरदर्शी और कर्तव्यनिष्ठ महिला थी। वह पांडवों की माता थी और उन्होंने अपने पुत्रों को योग्य क्षत्रिय और आदर्श पुत्र बनाने के लिए बहुत प्रयास किया। कुंती ने अपनी कठोर तपस्या से ऋषि दुर्वासा को प्रसन्न कर एक वरदान प्राप्त किया था। वरदान ये था कि जब भी वह एक खास मंत्र का प्रयोग करते हुए किसी भी देवता का आह्वान करेंगी तो उनसे पुत्र प्राप्त कर सकेंगी। कुंती ने अपने पुत्र इसी वरदान से प्राप्त किए थे। पांचों पांडव अपनी माता की किसी भी बात को कभी टालते नहीं थे।

रानी सत्यवती
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रानी सत्यवती

महाभारत में रानी सत्यवती को एक ताकतवर महिला के रूप में दर्शाया गया है। जो अपनी हर बात को बड़े ही मजबूती से रखती थीं। जो ठान लेती थीं उसे करके दी दम लेती थीं। रानी सत्यवती की बात को महान योद्धा भीष्म भी नहीं टाल पाते थे। सत्यवती के कहने पर ही महर्षि व्यास ने अपनी विद्या का प्रयोग किया, जिससे पांडु, धृतराष्ट्र और विदुर का जन्म हुआ।

सुभद्रा
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सुभद्रा

भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा अर्जुन से प्रेम करती थीं। लेकिन अर्जुन का विवाह पहले ही द्रौपदी से हो चुका था। लेकिन सुभद्रा ने अर्जुन के साथ विवाह करने की इच्छा नहीं छोड़ी और अंत में उनका अर्जुन के साथ विवाह संंपन्न हुआ। महाभारत का वीर योद्धा अभिमन्यु सुभद्रा और अर्जुन का ही बेटा था।

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