Chaitra Navratri 2024: 9 अप्रैल से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, जानिए मां दुर्गा के नौ स्वरूप और उनकी महिमा

Chaitra Navratri 2024 Date: नवरात्रि का पावन पर्व 9 अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। यहां आप जानेंगे मां दुर्गा के हर एक रूप की महिमा।

मां दुर्गा के नौ स्वरूप
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मां दुर्गा के नौ स्वरूप

नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। जो मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो कोई नवरात्रि में मां के इन सभी रूपों की विधि विधान पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। क्योंकि मां का हर एक रूप निराला है। यहां आप जानेंगे मां के नौ रूपों के बारे में दिलचस्प बातें।और पढ़ें

मां शैलपुत्री
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मां शैलपुत्री

माता शैलपुत्री पर्वत की पुत्री मानी जाती हैं। इसलिए इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। इनके माथे पर अर्धचन्द्र सुशोभित है। जबकि दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल फूल है। माता की सवारी नंदी बैल है।

मां ब्रह्मचारिणी
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मां ब्रह्मचारिणी

माता ब्रह्मचारिणी सफेद वस्त्र धारण करती हैं। यह माता पार्वती का अविवाहित रूप माना गया है। इनके दायें हाथ में जप माला तो बायें हाथ में कमंडल है।

मां चंद्रघंटा
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मां चंद्रघंटा

माता चंद्रघंटा माता पार्वती का रौद्र रूप माना गया है। इनकी दस भुजाएं हैं। बाएं हिस्से की चार भुजाओं में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल है तो पांचवा हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में है। माता के दाहिने हिस्से की चार भुजाओं में कमल, तीर, धनुष और जप माला है जबकि पांचवा हाथ अभय मुद्रा में है। मां की सवारी शेरनी है।और पढ़ें

मां कुष्मांडा
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मां कुष्मांडा

मां कुष्मांडा को समस्त ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। कहते हैं इन्होंने ही त्रिदेवों की रचना की है। इनकी आठ भुजाएं हैं। माता की भुजाओं में चक्र, गदा, धनुष, तीर, अमृत का कलश, कमण्डल और कमल है। मां शेरनी की सवारी करती हैं।

मां स्कंदमाता
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मां स्कंदमाता

मां स्कंदमाता ममता का प्रतीक मानी जाती हैं और बुध ग्रह का नियंत्रण करती हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। माता के दो हाथों में कमल का पुष्प है तो एक हाथ अभय मुद्रा में दिखाई देता है। जबकि एक हाथ स्कन्द यानी भगवान कार्तिकेय को गोद में लिए हुआ है। इनकी सवारी शेर है।

मां कात्यायनी
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मां कात्यायनी

मां कात्यायनी युद्ध की देवी मानी जाती हैं। ये लाल वस्त्र धारण किए रहती हैं और इनकी चार भुजाएं हैं। माता के बाएं के दो हाथ में कमल और तलवार है जबकि दायें हाथ में से एक हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में है तो वहीं दूसरा हाथ अभय मुद्रा में है। इनकी सवारी भी शेर है।

मां कालरात्रि
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मां कालरात्रि

मां कालरात्रि श्याम वर्ण की देवी हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। इनके दायें हिस्से के दो हाथ अभय मुद्रा और आशीर्वाद देने की मुद्रा में हैं तो वहीं बाएं हिस्से के दोनों हाथों में खड़ग और तलवार मौजूद है। माता गधे की सवारी करती हैं।

मां महागौरी
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मां महागौरी

मां महागौरी गौर वर्ण की हैं। इनकी चार भुजाएं हैं जिनमें से दाहिने हिस्से की एक भुजा में त्रिशूल और तो दूसरी भुजा अभय मुद्रा में है। वहीं बाएं हिस्से की एक भुजा में डमरू है तो दूसरा हाथ आशीर्वाद देने की मुद्रा में है। मां की सवारी बैल है।

मां सिद्धिदात्री
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मां सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री ज्ञान की देवी मानी जाती हैं। इनकी चार भुजाएं हैं। बाएं हाथ की भुजाओं में शंख और कमल है जबकि दाहिने हाथ की भुजाओं में गदा और हाथ में चक्र है। मां शेर की सवारी करती हैं।

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