हिंदू धर्म के 7 प्रमुख श्राप कौन से हैं, रामायण और महाभारत में है इनका उल्लेख, विष्णु जी ने भी झेला अभिशाप
Famous Curses in Hinduism (हिंदू धर्म के प्रमुख श्राप): हम सभी ने पौराणिक कथाओं को पढ़ते हैं या सुनते समय श्रापों के बारे में सुना होगा। सत्य और धर्म का पालन करना ही जगत का सार है और श्राप व्यक्ति के बुरे कर्मों का फल होता है जिसका परिणाम उसे युगों तक भोगना पड़ता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार स्वयं देवताओं को भी श्राप का भागीदार बनना पड़ा था। आज हम आपको कुछ ऐसे ही हिंदू धर्म के प्रमुख श्राप बताएंगे जिनके बारे में आपने शायद नहीं सुना होगा।
रावण को मिला नंदी से श्राप
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, रावण भगवान शिव का परम भक्त था। एक बार वे भगवान शिव से मिलने कैलाश पर्वत गया हुआ था। वहां पर भगवान शिव के परम भक्त और सेवक नंदी के स्वरूप का रावण ने मज़ाक उड़ाया। नंदी ने रावण को श्राप दिया कि एक दिन उसके अंत का कारण कोई पशु ही होगा।
भगवान परशुराम ने दिया अपने शिष्य को श्राप
महाभारत काल में भगवान परशुराम ने अपने प्रिय शिष्य कर्ण को श्राप दिया था। मान्यताओं के अनुसार कर्ण का पालन-पोषण सूत वंश में हुआ था और उन्होंने स्वयं को ब्राह्मण कुल का बता कर भगवान परशुराम से शिक्षा-दीक्षा ली थी, जिसका पता लगने पर भगवान परशुराम ने उनको ये श्राप दिया कि वो अपना सारा ज्ञान भूल जाएंगे।
कृष्ण को मिला था माता गांधारी से श्राप
महाभारत के युद्ध के बाद जब माता गांधारी ने अपने 100 पुत्रों को खो दिया तब उन्होंने पीड़ा में आकर भगवान कृष्ण को श्राप दिया था कि एक दिन उनके कुल का भी नाश हो जाएगा। इस श्राप की वजह से कृष्ण की मृत्यु एक शिकारी के द्वारा हुई, उनके कुल का पतन हुआ और उनकी भव्य द्वारका नगरी समुद्र में समा गई।
अर्जुन को मिला स्वर्ग की अप्सरा से श्राप
स्वर्ग की सुंदर अप्सराओं में से एक उर्वशी अर्जुन के रूप पर मोहित हो गई थीं। उन्होंने अर्जुन से विवाह का प्रस्ताव रखा। अर्जुन जो कि दैवी शक्तियों को पाने के लिए तप और ब्रह्मचर्य का पालन कर रहे थें, उन्होंने उर्वशी को मना कर दिया। इसकी वजह से उर्वशी ने अर्जुन को नपुंसक होने का श्राप दिया था।
राजा परीक्षित को मिला अकाल मृत्यु का श्राप
मान्यताओं के अनुसार राजा परीक्षित ने ध्यान-मग्न ऋषि के गर्दन पर एक सांप लटकाकर उनका मजाक उड़ाया था। क्रोध के कारण ऋषि ने उनको श्राप दिया की उनकी मृत्यु का कारण एक सांप ही होगा। आगे चलकर राजा परीक्षित की मृत्यु का कारण तक्षक नाग बना।
माता तुलसी ने भगवान विष्णु को श्राप दिया
सनातन हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार तुलसी माता ने भगवान विष्णु को श्राप इस नाते दिया था क्योंकि भगवान विष्णु ने उनके पति जलंधर का रूप धारण करके उनका सतीत्व भंग किया था। इस वजह से वृंदा यानी तुलसी जी ने क्रोधित होकर भगवान विष्णु को श्राप दिया कि वो एक दिन माता लक्ष्मी से बिछड़ जाएंगे।
नारद मुनि का भगवान विष्णु को श्राप
पुराणों के अनुसार, एक बार नारद जी को अपनी भक्ति पर अभिमान हो गया था। भगवान विष्णु को पता चलने पर उन्होंने नारद जी का घमंड तोड़ने के लिए उनके साथ एक छल किया जिसकी वजह से उन्होंने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि उन्हें स्त्री का वियोग सहना पड़ेगा। इस घटना के बाद से नारद जी आजीवन अविवाहित रहे।
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