क्यों अत्यंत शुभ होता है दूध से बने इस मिष्ठान का भोग लगाना, रामायण से जुड़ी है पौराणिक मान्यता
Importance of Kheer in Hinduism: भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक भूमि में देवी-देवताओं के व्रत-पूजन के समय उन्हें विभिन्न चीजों को भोग लगाया जाता है। ढूध और चावल से बनी खीर एक विशेष मिष्ठान है जिसे भोग या प्रसाद के रूप में चढ़ाया या खाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसे भगवान का सबसे प्रिय प्रसाद माना जाता है जिससे जुड़ी पौराणिक मान्यता आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
देवताओं का प्रसाद
खीर एक स्वादिष्ट मिष्ठान है जिसे हर व्रत-त्योहार में खाया जाता है। खीर का नाम संस्कृत भाषा के क्षीर शब्द से आया है। इसे पायसम् भी कहा जाता है। भारत में खीर हर क्षेत्र में बनाई और खाई जाती है। खीर एक सात्विक भोजन है जिसे वैष्णव, शैव और शाक्त परंपरा में देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है।
खीर का धार्मिक महत्व
सनातन धर्म में खीर को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इसे देवी-देवताओं को भोग के रूप में अर्पित किया जाता है। खीर में दूध, चावल और शक्कर का मिश्रण पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है।
खीर का पौराणिक महत्व
खीर का उल्लेख कई पौराणिक कथाओं में मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को खीर का भोग विशेष रूप से पसंद होता है। वेदों और पुराणों की कथाओं में भी खीर की गुणवत्ता और महत्ता का वर्णन मिलता है।
यज्ञ और पूजन में
यज्ञ-हवन और धार्मिक अनुष्ठानों में खीर का प्रसाद अनिवार्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि खीर से देवी-देवताओं का आशीर्वाद शीघ्र प्राप्त होता है। रामायण काल में यज्ञ से निकली खीर का वर्णन आता है जिसे खाने के बाद माता कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया था।
खीर के लाभ
खीर का प्रसाद ग्रहण करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुष्टि मिलती है खासतौर पर पूर्णिमा में इसे ग्रहण करने से शरीर में सकारात्मकता का संचार होता है। ये प्रसाद भक्तों के बीच समर्पण और समानता को बढ़ाता है।
त्योहारों पर खीर
हिंदू धर्म के कई प्रमुख त्योहारों पर जैसे कि रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और दुर्गा पूजा में खीर का भोग लगाया जाता है। ये त्योहारों की शुभता और आनंद को और भी बढ़ाता है। खीर बनाना और अर्पित करना समर्पण और भक्ति भाव का प्रतिनिधित्व करता है।
आध्यात्मिक संदेश
खीर के तीन मुख्य सामग्री – दूध, चावल और चीनी, जीवन में शुद्धता, धैर्य और मिठास का प्रतीक माने जाते हैं। इसे देवताओं को अर्पित करना जीवन में संतुलन और प्रसन्नता लाने का माध्यम होता है। खीर, आध्यात्मिकता और श्रद्धा भाव का संदेश होता है।
बेटी तो बेटी पीली साड़ी में मां श्वेता भी ढाती हैं कहर, गजब है दोनों का साड़ी-ब्लाउज कलेक्शन, आखिरी लुक न करें Miss
Vande Bharat Train में दिल्ली से बैठें रात में और सुबह कश्मीर, किराया हवाई जहाज से कम, बस इतने स्टॉपेज
डायबिटीज के पक्के दुश्मन कहे जाते हैं ये 5 फल, खाते ही गिरा देते हैं बढ़ा हुआ शुगर लेवल
IPL 2025 में ये हैं CSK की 3 ताकत और 3 कमजोरियां
बिना मारे ही घर छोड़कर भागेगा चूहा, अगर पता होंगे ये पांच तरीके
शरीर में जमा खतरनाक टॉक्सिन का पता लगाएगा नैनो पार्टिकल, IIT गुवाहाटी ने किया शानदार आविष्कार
₹100 से कम के इस स्टॉक में 3% की तेजी! ₹261 करोड़ की डील से चमके शेयर
31 January 2025 Panchang: पंचांग से जानिए आज का शुभ मुहूर्त, तिथि, राहुकाल, दिशा शूल और शुक्रवार के उपाय
Military School Admission 2025: राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल में कैसे मिलता है दाखिला, जानें फीस तक की हर जानकारी
कलयुग का श्रवण कुमार! 92 वर्षीय मां को बैलगाड़ी से खींचकर महाकुंभ ले जा रहा 65 साल का बेटा, वीडियो देख आपकी भी आंखें हो जाएंगी नम
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited