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रहस्यों से भरे हैं भगवान शिव के ये प्राचीन मंदिर, जानिए इनकी पौराणिक मान्यता को

Lord Shiva Mysterious Temple: भारत की ऐतिहासिक और धार्मिक भूमि पर कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं जो प्राचीन गाथाओं और रहस्यों से परिपूर्ण हैं। हर मंदिर की अपनी अलग महत्ता और मान्यता है। इनमें ज्‍यादातर भगवान शिव के मंदिर हैं, जिनके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। यहां देखिए भगवान शिव के रहस्यमय मंदिर।

भगवान शिव भगवान शिव
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भगवान शिव

भगवान शिव को देवों का देव महादेव कहा जाता है। इन्‍हें भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के बाद से त्रिमूर्ति में पूजा जाता है। भगवान शिव को संहारक माना जाता है क्योंकि ये जगत की नकारात्मक ऊर्जाओं का विनाश करते हैं। भगवान शिव की पूजा करने से मन शांत और सकारात्मक रहता है। लेकिन भारत में भगवान शिव के ऐसे मंदिरों के रहस्य हैं जिनसे आप अनजान होंगे।

प्राचीन गंगा मंदिर गढ़मुक्तेश्वर प्राचीन गंगा मंदिर गढ़मुक्तेश्वर
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प्राचीन गंगा मंदिर, गढ़मुक्‍तेश्‍वर

गढ़मुक्‍तेश्‍वर वो स्थान है जहां ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के गणों को मुक्ति मिली थी। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर हर वर्ष भगवान शिव की आकृति उभरती है। इस मंदिर का सबसे बड़ा रहस्य ये हैं कि इसकी सीढ़ियों पर पत्थर मारने पर पानी की आवाज आती है। इस मंदिर का निर्माण अब और किसने किया था ये किसी को नहीं पता है।

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टिटलागढ़ शिव मंदिर, उड़ीसा

उड़ीसा के गर्म क्षेत्र में भगवान शिव का ऐसा मंदिर स्थित है जिसका वातावरण गर्मी में शीतल और ठंडी में गर्म रहता है। टिटलागढ़ के इस शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा होती है। ये प्राचीन मंदिर वैज्ञानिकों को भी हैरान कर देता है क्योंकि भीषण गर्मी में भी ये मंदिर अंदर से ठंडा रहता है।

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ऐरावतेश्‍वर मंदिर, तमिलनाडु

12वीं सदी में चोल राजाओं द्वारा बना ये शिव मंदिर उत्कृष्ट वास्तुकला और शिल्पकला नमूना पेश करता है। ये शिव मंदिर भी अनेकों रहस्यों से घिरा जिसमें से एक ये है कि इस मंदिर की दीवारों और सीढ़ियों से संगीत की ध्वनि आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर देवराज इंद्र के हाथी ऐरावत ने भगवान शिव की पूजा की थी, ज‍िस वजह से इस मंदिर का नाम ऐरावतेश्‍वर मंदिर हो पड़ गया।

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बोधेश्वर महादेव मंदिर, उन्नाव

उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र में मौजूद बोधेश्वर महादेव के मंदिर को लेकर लोगों में बहुत आस्था है। मान्‍यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की शिवलिंग के स्पर्श मात्र से ही मनुष्य अपने रोग-दोषों से मुक्त हो जाता है। इस मंदिर में शिवलिंग के पास दर्जनों भर सांप रहते हैं जो कि हर समय यहां पर मौजूद रहते हैं।

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बृहदीश्‍वर मंदिर, तमिलनाडु

द्रविण शैली में बना तमिलनाडु का बृहदीश्‍वर मंदिर चोल राजाओं पहले हजारों वर्ष में पहले बनवाया गया था। ये मंदिर अपनी भव्यता और सुंदरता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मंदिर की शिवलिंग ही यहां का सबसे बड़ा रहस्य है जो कि सूर्य की किरणों से जागृत होने के बाद रात के अंधेरे में चमकती है। सूर्य की किरणें शिवलिंग के सामने बैठे नंदी से प्रतिबिम्ब होकर शिवलिंग पड़ती हैं।

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भूतेश्‍वर मंदिर, छत्‍तीसगढ़

छत्‍तीसगढ़ के इस प्रसिद्ध शिव मंदिर में शिवलिंग आकार हर दिन 6 से 8 इंच तक बढ़ता रहता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भूतेश्वर नाथ शिवलिंग का नाम भकुरा महादेव था। यहां की शिवलिंग में जल तरंगे भी दिखाई पड़ती हैं जिसका प्रमाण कई भक्त देख चुके हैं। इस मंदिर के क्षेत्र में हमेशा मेला लगा रहता है।