भगवान विष्णु के ये मंत्र माने जाते हैं सिद्ध, जाप से मिलता है सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद

Lord Vishnu Mantra for Success and Prosperity: भगवान विष्णु को त्रिलोक का पालनहार कहा जाता है। भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा के बाद विष्णु जी को ही सभी प्राणी पूजते और मानते हैं। जीवन में सुख और समृद्धि की सभी को जरूरत होती है। ऐसे में हम आज आपके लिए भगवान विष्णु के कुछ ऐसे सिद्ध और दैवी मंत्र लेकर आए हैं जिनके जाप से आपको सफलता और समृद्धि मिलेगी।

भगवान विष्णु
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भगवान विष्णु

भगवान त्रिदेव में से एक माने जाते हैं। शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार जब भी पृथ्वी पर संकट आए हैं तब-तब इन्होंने कई रूप लिए हैं और प्राणियों की रक्षा की है। पुराणों के अनुसार इनके विभिन्न अवतार हैं जो जिनकी पूजा भी होती है।

सिद्ध मंत्र
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सिद्ध मंत्र

श्री हरी परमेश्वर भगवान विष्णु कृपालु और दयावान हैं। पौराणिक शास्त्रों और विद्वानों के अनुसार यदि भगवान विष्णु के मंत्रों का नियमित रूप से जाप किया जाए तो ये ना केवल आपके पापों को नष्ट करते हैं, बल्कि जीवन को काफी फलदायक और सुखी भी बनाते हैं।

श्री विष्णु मूल मंत्र
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श्री विष्णु मूल मंत्र

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय|| मैं भगवान वासुदेव को नमन करता/करती हूं। अर्थात् - इस मंत्र के जाप करने से मन शांत रहता है और व्यक्ति में दया की भावना जागृत होती है और दूसरों के प्रति प्रेम भाव बढ़ता है।

क्लेश नाशक श्री विष्णु मंत्र
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क्लेश नाशक श्री विष्णु मंत्र

कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नमः।, अर्थात् - हे वसुदेव के पुत्र, हे कृष्ण आपके स्मरण मात्र से सभी प्रकार के कलह और क्लेश का नाश हो जाता है। ऐसे भगवान श्री गोविंद को मेरा साक्षात नमस्कार है। इस मंत्र के जाप से जीवन में आंतरिक, पारिवारिक क्लेश से मुक्ति मिलती है।

विष्णु गायत्री मंत्र
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विष्णु गायत्री मंत्र

नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥, अर्थात् - जिनका सुंदर मुख मंडल है और जो श्रेष्ठ बुद्धि के धारक हैं, ऐसे श्री हरि वासुदेव जो सर्वस्व हैं मुझे अपनी शरण में लें। इस मंत्र के जाप से जाप से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है।

श्री विष्णु रूपम मंत्र
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श्री विष्णु रूपम मंत्र

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्। लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥, ॥, अर्थात् - हे समस्त देवों के देव, जिनके नाभि में कमल हैं, शांत आकार के, नाग पर शयन करने वाले, विश्व के आधार, आकाश जैसे विशाल, मेघों के रंग वाले, लक्ष्मी के पती, कमल से नयन वाले, योगियों जैसे ध्यान मगन, समस्त लोकों के नाथ, संसार का भय नाश करने वाले भगवान विष्णु आपको हम वंदन करते हैं। इस मंत्र के जाप से मनुष्य जीवन में हर सफलता को प्राप्त करता है।

धन्वंतरि मंत्र
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धन्वंतरि मंत्र

ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये: अमृतकलश हस्ताय सर्वभय विनाशाय सर्वरोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥ ॐ नमो भगवते धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व आमय विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः||, अर्थात् - जिन्हें सुदर्शन वासुदेव धन्वंतरी कहते हैं, जो अमृत कलश लिए हैं, सर्व भयनाशक हैं, जो सर्वरोग नाश करते हैं, जो तीनों लोकों के स्वामी हैं और प्राणियों का निर्वाह करने वाले हैं ऐसे श्री विष्णु स्वरूप धन्वंतरि भगवान को हम नमन करते हैं। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को आर्थिक और मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

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