भीम से शादी के लिए हिडिम्बा ने किया इतना बड़ा त्याग, जो शायद ही कोई लड़की कर पाए

हिडिम्बा राक्षस हिडिंब की बहन थी। कहते हैं राक्षस हिडिंब ने ऐसा प्रण लिया था कि जो भी उसे युद्ध में परास्त करेगा उसी से उसकी बहन शादी होगी। पांडु पुत्र भीम ने हिडिंब को वध करके हिडिम्बा से शादी रचाई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भीम से विवाह करने के लिए हिडिम्बा को कितना बड़ा त्याग करना पड़ा था।

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हिडिम्बा और भीम की प्रेम कहानी

हिडिम्बा को पहले ही नजर में भीम से प्रेम हो गया था। तभी उसने अपने भाई हिडम्ब के कहने पर भी पांडवों का नहीं मारा था। दरअसल हिडिम्ब मानवों का रक्त पीने का इच्छुक था और उसने अपनी बहन को आदेश दिया था कि वह उसके लिए मानव रक्त ले आए। अपने भाई की बात सुनकर राक्षसी हिडिम्बा पांडवों को मारकर उनका रक्त लेने गई। लेकिन वहां पहुंचने के बाद भीम को देखकर हिडिम्बा उनके रूप पर मोहित हो गई और उन्हें भीम से प्रेम हो गया।

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हिडिम्बा ने जब शादी का रखा प्रस्ताव

हिडिंब की मृत्यु के बाद हिडिम्बा ने भीम से शादी की इच्छा जताई। लेकिन भीम ने राक्षसनी से शादी करने के लिए मना कर दिया।

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भीम ने रखी शर्त

लेकिन बड़े भाई युधिष्ठिर और माता कुंती के समझाने पर भीम हिडिम्बा से शादी करने के लिए तैयार हो गए। लेकिन उन्होंने एक शर्त भी रखी।

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शायद ही कोई लड़की ये शर्त मानती

भीम ने कहा कि वह दोनों तब तक ही साथ हैं जब तक एक पुत्र न हो जाए। इसके बाद उन्हें अपने अपना लक्ष्य पूरा करने जाना होगा।

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लेकिन हिडिम्बा ने मान ली शर्त

हिडिम्बा ने भीम की ये बात मान ली और वचन दिया कि पुत्र होने के बाद वे उन्हें एक क्षण के लिए भी अपने पास नहीं रोकेंगी। हिडिम्बा के इस त्याग की वजह से वह राक्षसनी से देवी बन गईं।

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हिडिम्बा और भीम का हुआ पुत्र

बाद में हिडिम्बा और भीम का पुत्र हुआ जिसका नाम घटोत्कच रखा गया। जिसने महाभारत युद्ध में अहम भूमिका निभाई।

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हिडिम्बा ने अपना वादा किया पूरा

पुत्र प्राप्ति के बाद हिडिम्बा ने भीम को जाने दिया और साथ ही ये भी कहा कि जब उन्हें उनके पुत्र की जरूरत पड़ेगी वो जरूर हाजिर होगा।