भगवान कृष्ण ने पांडवों का शांति दूत बनकर की थी इन पांच गांवों की मांग, जानिए इनके नाम
5 villages Asked by Pandavas (पांडवों द्वारा मांगे गए पांच गांव): वेद व्यास द्वारा रचित महाभारत महाकाव्य हिंदू धर्म के मूल ग्रंथों में से एक माना जाता है। द्वापर युग में कौरवों द्वारा छले जाने के बाद पांडवों की ओर से श्रीकृष्ण ने पांच गांव की मांग की, जिसके लिए दुर्योधन ने माना कर दिया था। लेकिन क्या आप उनके नाम जानते हैं? आज हम आपको पांडवों द्वारा मांगे गए पांच गांव के नाम बताएंगे।

महाभारत का युद्ध
आज से हजारों वर्ष पहले अपने स्वाभिमान, अधिकार और धर्म के लिए पांडवों ने श्रीकृष्ण के नेतृत्व में कौरवों को पराजित किया था। इस युद्ध को टालने के लिए अनेकों लोगों ने प्रयास किया था, लेकिन दुर्योधन के हठ और लालसा के कारण ये महा विध्वंस हुआ और कई महारथियों ने अपने प्राण खोएं।

पांच गांव
युद्ध से पहले हस्तिनापुर के राज्य को पांडवों और कौरवों के बीच बांटने का सुझाव रखा गया। श्रीकृष्ण जो कि पांडवों की ओर से शांति का प्रस्ताव लेकर आए थे, उन्होंने पांडवों द्वारा मांगे गए पांच गांव का वर्णन किया। ये गांव आज कलियुग में भी मौजूद हैं जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं।

श्रीपत
श्रीपत को आज का इंद्रप्रस्थ भी कहा जाता है। आज के समय में दक्षिण दिल्ली के इस इलाके का वर्णन महाभारत महाकाव्य में इंद्रप्रस्थ के रूप में मिलता है। दिल्ली का पुराना किला इस बात का साक्ष्य है जहां से खुदाई में मिले अवशेषों के आधार पर ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि ये स्थान पांडवों की राजधानी रही होगी।

बागपत
इसे महाभारत काल में व्याघ्रप्रस्थ माना जाता था। व्याघ्रप्रस्थ यानी बाघों का क्षेत्र। मुगल काल से बागपत के नाम से जाना जाने लगा। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कौरवों इसी स्थान पर लाक्षागृह बनवाकर पांडवों को मारने का षड्यंत्र रचा था।

सोनीपत
द्वापर काल में सोनीपत स्वर्णप्रस्थ कहा जाता था। बाद में ये सोनप्रस्थ होकर सोनीपत हो गया। इसे सोने का शहर माना जाता था। वर्तमान में ये हरियाणा का एक जिला है। इसके अन्य छोटे शहरों में गोहाना, गन्नौर, मुंडलाना, खरखोदा और राई आते हैं।

पानीपत
पानीपत को पांडुप्रस्थ भी कहा जाता था। भारतीय इतिहास में इस जगह को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यहां 3 बड़ी लड़ाइयां लड़ी गई हैं। पानीपत के पास ही कुरुक्षेत्र है जहां पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था।

तिलपत
तिलपत को प्राचीन काल में तिलप्रस्थ कहा जाता था। ये आज के हरियाणा के फरीदाबाद जिले का एक कस्बा है जो यमुना नदी के किनारे स्थित है। ये पांडवों के प्रस्ताव का पांचवां गांव था।

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