Navratri 2023: चार टन अष्‍टधातु से बनी है देवी की प्रतिमा, नवदुर्गा शक्ति मंदिर की परिक्रमा से पूरी होती हर मनोकामना

Nav Durga Shakti Mandir, Khurja: दिल्‍ली से 80KM दूर उत्तर प्रदेश के खुर्जा में स्थित नवदुर्गा शक्ति मंदिर मां दुर्गा के चमत्‍कार का उदाहरण है। इस मंदिर में देवी दुर्गा की प्रतिमा में महामाई के नौ रूप नजर आते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के मौके पर इस मंदिर की परिक्रमा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

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नवदुर्गा शक्ति मंदिर खुर्जा

देश की राजधानी दिल्‍ली से 80KM दूर उत्‍तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की खुर्जा तहसील में स्थित नवदुर्गा शक्ति मंदिर देवी के चमत्‍कार का उदाहरण है। देश भर में मां दुर्गा की आस्‍था के पर्व नवरात्रि (Navratri 2023) की धूम है। हर तरफ मां की भक्ति नजर आ रही है। ऐसे में हम आपको एक खास मंदिर के बारे में बता रहे हैं। ​

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विराजमान हैं 18 भुजाओं वाली मां

इस मंदिर की खासबात ये है कि यहां मौजूद देवी दुर्गा की प्रतिमा में महामाई के नौ रूप नजर आते हैं। माता की यह भव्‍य प्रतिमा चार टन अष्‍टधातु से बनी है जिसके 27 खंड हैं। ऐसी मान्‍यता है कि मां दुर्गा की इतनी भव्‍य और विलक्षण मूर्ति पूरे भारतवर्ष में नहीं है।

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कब हुई थी प्राण प्रतिष्ठा

मां दुर्गा अपने भवन में कमल पर विराजमान हैं। साल 1993 में इस मंदिर का निर्माण हुआ था और 13 फरवरी 1995 को इस मंद‍िर में मां दुर्गा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्‍ठा हुई थी। खासबात ये है कि मां दुर्गा की इस चमत्‍कारी प्रतिमा में ऐसा आकर्षण है कि भक्‍त आते हैं और देखते रह जाते हैं।

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एक पिलर पर टिका है मंदिर

मंद‍िर की ऊंचाई 30 फीट है और इसका शिखर 60 फीट ऊंचा है। यह मंदिर एक ही पिलर पर टिका है। इसकी दीवारों और छतों पर जयपुर के कलाकारों ने शीशे की महीन कारीगरी की है। मंदिर की 108 परिक्रमा गोवर्धन की एक परिक्रमा के बराबर होती हैं।

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100 मूर्तिकारों ने बनाई मां की मूर्तिं

इस मूर्ति को 100 से अधिक मूर्तिकारों ने तैयार किया था। यह दिव्‍य मूर्ति 14 फीट ऊंची और 11 फीट चौड़ी है। मां की प्रतिमा के दाईं ओर हनुमान जी और बाईं ओर भैरों जी की प्रतिमा है। रथ के शीर्ष पर भगवान शंकर और रथ के सारथी श्रीगणेश जी हैं।

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परिक्रमा लगाने से पूरी होते हैं काम

ऐसी मान्‍यता है कि इस मंद‍िर की 108 परिक्रमाएं लगाने से हर मनोकामना पूरी होती है। यहां आने वाले भक्‍त मंदिर परिसर में मौजूद मनोकामना स्‍तंभ पर चुनरी से गांठ लगाएं और मंद‍िर की 108 परिक्रमाएं लगाएं तो हर मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है।

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मंदिर का समय

मंदिर सुबह चार बजे खुलता है और पांच बजे मंगला आरती होती है। वहीं शाम के समय मंदिर चार बजे भक्‍तों के लिए खोल दिया जाता है और सात बजे भव्‍य आरती होती है। आरती के समय हजारों भक्‍त जुटते हैं और घंटे भर तक पीतल के भव्‍य घंटों की ध्‍वनि सुनाई देती है।

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कैसे पहुंच सकते हैं

अगर आप मां भगवती के इस दिव्‍य मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। यह मंदिर दिल्‍ली से अलीगढ़ जाने वाले नेशनल हाईवे 91 से सटा है। वहीं खुर्जा जंक्‍शन उतरकर इस मंद‍िर आसानी से पहुंचा जा सकता है।