मार्च में इस दिन घर पर नहीं जलेगा चूल्हा और न ही लगेगी झाड़ू, वजह दिलचस्प

मार्च या अप्रैल में एक ऐसा त्योहार पड़ता है जिस दिन घरों में चूल्हा जलाना अशुभ माना जाता है। इस दिन सिर्फ बासी भोजन का सेवन किया जाता है।

शीतला अष्टमी
01 / 07

शीतला अष्टमी

22 मार्च 2025 को शीतला अष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन बासी भोजन खाने की परंपरा है। खासतौर से इस दिन मां शीतला को बासी पकवानों का भोग लगाया जाता है। जानिए इसके पीछे का कारण क्या है।

इस दिन नहीं जलाया जाता चूल्हा
02 / 07

इस दिन नहीं जलाया जाता चूल्हा

शीतला अष्टमी के दिन चूल्हा नहीं जलाना चाहिए। इस दिन बासी भोजन का ही सेवन करना चाहिए। यहां तक की मां शीतला को भी बासी चीजों का ही भोग लगाना चाहिए।

न ही लगाई जाती है झाड़ू
03 / 07

न ही लगाई जाती है झाड़ू

शीतला अष्टमी के दिन घर में झाड़ू भी नहीं लगानी चाहिए। इसके अलावा इस दिन नए कपड़े या फिर डार्क कलर के कपड़े भी पहनने से बचना चाहिए।

इस दिन होती है माता शीतला की पूजा
04 / 07

इस दिन होती है माता शीतला की पूजा

शीतला अष्टमी को बसौड़ा भी कहा जाता है। स्कंद पुराण अनुसार इस दिन मां शीतला की पूजा और व्रत करने से चेचक, फोड़ा, फुंसी और अन्य तरह की बीमारियां और संक्रमण से बचाव होता है।

देवी शीतला का रूप
05 / 07

देवी शीतला का रूप

देवी शीतला अपने हाथ के कलश में शीतल पेय, दाल के दाने और रोगानुनाशक जल रखती हैं, तो उनके दूसरे हाथ में झाड़ू और नीम के पत्ते होते हैं। देवी शीतला का वाहन गधा है।

इस दिन मांस-मदिरा का न करें सेवन
06 / 07

इस दिन मांस-मदिरा का न करें सेवन

इस दिन मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। साथ ही सुई में धागा नहीं डालना चाहिए और न ही सिलाई करनी चाहिए।

जरूर करें नीम की पूजा
07 / 07

जरूर करें नीम की पूजा

शीतला अष्टमी के दिन माता शीतला की पूजा के बाद नीम के पेड़ की पूजा करना ना भूलें। कहते हैं इस दिन नीम के पेड़ पर जल चढ़ाने और पेड़ की सात बार परिक्रमा करने से नकारात्मक विचार नष्ट होते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह शुरू हो जाता है।

End of Photo Gallery
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited