रामायण के वो ऋषि-मुनि जिनसे कांपते थे देवताओं के प्राण, इन्होंने दिया था भगवान राम को आशीर्वाद, जानिए इनके नाम

Powerful Rishi in Ramayana: रामायण हिंदू धर्म का प्रमुख धर्म ग्रंथ माना जाता है। ये ग्रंथ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को समर्पित है। रामायण में वर्णित कुछ ऐसे ऋषि-मुनि हैं, जिनकी शक्तियों की कोई सीमा नहीं थी। आज हम आपको रामायण काल के शक्तिशाली ऋषि-मुनियों के नाम बताएंगे, जिनसे देवता तक डरते थे।

महर्षि वशिष्ठ
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महर्षि वशिष्ठ

महर्षि वशिष्ठ राजा दशरथ के राजगुरु और अयोध्या के कुलगुरु थे। इन्हें ब्रह्मर्षि की उपाधि प्राप्त थी और ये अत्यंत ही तेजस्वी थे। इन्होंने भगवान राम और उनके भाइयों को शिक्षा प्रदान की। ये सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने वाले ऋषि थे।

महर्षि विश्वामित्र
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महर्षि विश्वामित्र

महर्षि विश्वामित्र पहले क्षत्रिय थे लेकिन कठोर तपस्या से ये ब्रह्मर्षि बने। इन्होंने भगवान राम और लक्ष्मण को दिव्यास्त्र प्रदान किए थे ज‍िनसे ताड़का और सुबाहु जैसे राक्षसों का वध किया गया था। इन्होंने ही गायत्री मंत्र की रचना की थी ज‍िसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इनके तप से इंद्र देव का स‍िंहासन डोल उठा था।

महर्षि अगस्त्य
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महर्षि अगस्त्य

महर्षि अगस्त्य पौराणिक काल के प्रमुख ऋषियों में से एक माने जाते थे। इन्होंने ही राम को "आदित्य हृदय स्तोत्र" का उपदेश दिया था। उनके एक शाप के कारण ही राक्षस इल्वल और वातापी का नाश हुआ। ये अपनी पत्नी लोपामुद्रा के साथ आदर्श गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले महान ऋषि माने जाते थे।

महर्षि अत्रि
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महर्षि अत्रि

सप्तऋषियों में से एक महर्षि अत्रि और उनकी पत्नी अनसूया महान पतिव्रता थीं। इन्होंने भगवान दत्तात्रेय, दुर्वासा और चंद्रमा को जन्म दिया। इनकी पत्नी अनसूया की तपस्या से प्रसन्न होकर त्रिमूर्ति बालरूप में इनके आश्रम में प्रकट हुए। इन्‍हें समस्त वेदों और शास्त्रों का ज्ञाता माना जाता था। इन्होंने अनेकों यज्ञ और तप से धर्म की रक्षा की थी।

महर्षि भारद्वाज
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महर्षि भारद्वाज

महर्षि भारद्वाज वेदों और व‍िज्ञान के महान ज्ञाता थे। उन्होंने यंत्र-सार नामक ग्रंथ लिखा था, जिसमें विमानों और अन्य यंत्रों का उल्लेख किया गया है। ये अयोध्या के राजकुल के पूज्य ऋषि थे। इन्होंने भगवान राम को वनवास काल में अपना आशीर्वाद प्रदान किया था। ये युद्धनीति और शस्त्र विद्या में भी न‍िपुण थे।

महर्षि वाल्मीकि
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महर्षि वाल्मीकि

रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि पहले एक डाकू थे लेकिन नारद मुनि के उपदेशों ने इन्हें ऋषि बना दिया था। इन्होंने भगवान राम की कथा को लिखा था ज‍िसे विश्व की पहली महाकाव्य रचना मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन्होंने माता सीता को अपने आश्रम में शरण दी थी और उनके लव-कुश को शिक्षा भी प्रदान की थी।

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