Sita Navami: वनवास के वक्त इतने साल की थीं माता सीता, रावण की लंका में गुजारे थे इतने दिन

Lesser Knowns Facts of Mata Sita: प्रतिवर्ष वैखाख माह के शुक्लपक्ष की नवमी तिथि को सीता नवमी का हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन जनकनंदिनी माता सीता का प्राकट्य हुआ था। इस अवसर पर हम आपको माता सीता के बारे में ऐसी रोचक बातें बताने जा रहे हैं जो अभी तक आपने नहीं सुनी होंगी।

18 साल की थीं माता सीता
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18 साल की थीं माता सीता

जब भगवान श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ था, उस समय माता सीता की आयु मात्र 18 वर्ष थी। उनके पिता राजा जनक ने सीता से अपने साथ चलने के लिए कहा था, लेकिन माता सीता ने पतिव्रता धर्म निभाने की बात कही थी।

लंका में गुजारे इतने दिन
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लंका में गुजारे इतने दिन

रावण ने माता सीता का हरण वनवास के अंतिम चरण में किया था। ऐसा बताते हैं कि रावण की लंका में माता सीता को 435 दिनों तक रहना पड़ा था। लंका से लौटने पर उनकी आयु 33 वर्ष थी।

सीता की प्रतिछाया का हरण
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सीता की प्रतिछाया का हरण

हरण किए जाने से पहले माता सीता अग्नि देव के पास पहुंच गई थीं और माता सीता की प्रतिछाया का रावण ने हरण किया। रावण की मृत्यु के बाद सीता अग्निदेव के पास से अपने प्रभु राम के साथ अयोध्या आईं।

लंका में नहीं खाया अन्न
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लंका में नहीं खाया अन्न

माता सीता ने लंका में रहते हुएअन्न जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया क्योंकि ​सीता हरण से पहले इन्द्र देव ने खीर बनाकर माता सीता को खिला दी थी। इससे उन्हें भूख और प्यास नहीं लगती थी।

लव कुश के जन्म का समय
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लव कुश के जन्म का समय

जब बाल्मीकि आश्रम में रहकर माता सीता ने लव कुश को जन्म दिया था, तब आश्रम में भगवान राम के भाई और माता सीता के देवर शत्रुघ्न भी मौजूद थे।

बाल्यकाल में हुआ विवाह
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बाल्यकाल में हुआ विवाह

बाल्मीकि रामायण में जिक्र मिलता है कि माता सीता का विवाह बाल्यकाल में ही प्रभु श्रीराम से हो गया था।

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