Chanakya Niti: सफलता और तरक्की के लिए अपनाएं चाणक्य की ये बातें

Chanakya Niti: महान चाणक्य ने अपनी नीतियों में हर विषय पर अपनी राय रखी है। आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफलता और तरक्की पाने के लिए भी अपनी नीति में बहुत कुछ लिखा है। आइए जानें उन खास बातों को

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चाणक्य नीति

Chanakya Niti: समस्त विश्व में कौटिल्य चाणक्य के नाम से प्रसिद्ध विष्णुगुप्त का जन्म तक्षशिला में 375 ईसा पूर्व में हुआ था। अर्थशास्त्र, राजनीति, कूटनीति और धर्म के महाविद्वान माने जाने वाले चाणक्य का सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्या के साम्राज्य विस्तार में बहुत बड़ा योगदान था। चाणक्य के ज्ञान और चन्द्रगुप्त मौर्या के बाहुबल से भारतवर्ष अखण्ड बना और समृद्ध हुआ। जीवन में संघर्ष आते रहेंगे जो कि परेशान जरुर करेंगे, ऐसे में महान चाणक्य की कुछ ऐसी नीतियां हैं जिनके पालन से ही आप सफलता की पूंजी को हासिल कर सकते हैं।

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कर्म ही श्रेष्ठ है

चाणक्य के अनुसार व्यक्ति अपने जन्म से नहीं अपितु अपने कर्मों से महान बनता हैं। मनुष्य के किये गये कर्म या कार्य ही उसका भाग्य निर्मित करते हैं। इसलिए थक बैठे नहीं अपना कर्म करते रहें, आपकी किस्मत अपने-आप चमक उठेगी।

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दूसरों की खामियों से सीखें

मनुष्य को अपनी गलतियां पता रहती हैं लेकिन समझदार व्यक्ति वो है जो दूसरों की गलतियों से भी कुछ न कुछ सीखें। ऐसा करने से उसे यह पता चलता है कि उसे क्या नहीं करना हैं।

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निडर बने

चाणक्य के अनुसार मनुष्य को अध्यन और प्रसीक्षण करते रहना चाहिए। मनुष्य के सीखने कोई उम्र नहीं होती हैं इस नाते ज्ञान जहां से मिले वहां से अर्जित कीजिए।

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जो बीता सो बीत गया

अपने अतीत के बारे में सोचने वाला व्यक्ति कभी भी आगे नहीं बढ़ पाटा हैं। बीती हुई बातों से मन पर बोझ रहता हैं, मनुष्य को हमेशा भविष्य के लिए वर्तमान में मेहनत करनी चाहिए।

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दोस्ती सोच-विचार करें

दोस्ती कहने को तो एक स्नेहपूर्ण बंधन हैं लेकिन हर दोस्ती के पीछे कोई न कोई स्वार्थ छिपा रहता हैं जो आपकी सफलता में आस्तीन का सांप बन सकता हैं, इस नाते समय रहते ही अपने मित्र को समझ लें और सतर्क रहें।

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आलस से दूर रहें

चाणक्य के अनुसार आलस्य ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता हैं। अलास्य ही मनुष्य को उसके नित्त कर्म करने से रोकता हैं और सफलता की दौड़ में पीछे कर देता हैं। इस नाते आलस को अपने निकट न आने दें।